बीमार होने के बावजूद करते रहे ड्यूटी
ज्ञात रहे यशवंत पाल के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार इंदौर के रामबाग स्थित मुक्तिधाम में किया गया था। मुक्तिधाम में ही उनकी तस्वीर रखी गई थी, जिस पर पुष्प अर्पित कर पुलिस अधिकारियों और परिजन ने श्रद्धांजलि अर्पित की। जब बेटी अंतिम दर्शन के लिए पहुंची तो वह पिता की तस्वीर से लिपट गई और दहाड़ मारकर रोने लगी थी। यह दृश्य देख सभी की आंखें नम हो गई थीं। मूलत: बुरहानपुर निवासी पाल के परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं। ईशा अभी पढ़ाई कर रही है। पत्नी मीना पाल तहसीलदार हैं। पाल का परिवार इंदौर के विजय नगर क्षेत्र में रहता है। शहीद पाल की पत्नी तहसीलदार मीना पाल ने रुंधे गले से बताया कि वे बीमार होने पर भी ड्यूटी करते रहे। जब वेंटिलेटर पर थे, तब भी मुस्कुराते रहे। अब पिता की जगह बेटी भी फर्ज का दायित्व निभाएगी।