पत्नी बिलखती रही: बात-बात पर पिस्टल दिखाते थे, आज खुद को मार ली
अर्चना ने पुलिस अधिकारियों को बताया कि पति राममोहन नशे के आदी हो गए थे। वे बात-बात में पिस्टल निकालकर धमकाने लगते थे। उनके चाचा, पिता और भाई ने नशा छोडऩे को लेकर समझाया था, लेकिन वे नहीं माने। आज उन्होंने खुद को गोली मार ली। अस्पताल में पति को देखने अर्चना बिलखती रही। उनकी हालत देख चीखती रही कि उन्हें अच्छे अस्पताल में ले चलो। अर्चना के पिता पुलिस विभाग से रिटायर्ड हैं।
मां की गोद में बैठे-बैठे छिन गया मासूम युवान के सिर का साया
राममोहन के चचेरे *** अवधेश शर्मा ने बताया कि अर्चना की शादी पांच साल पहले हुई थी। उनके ढाई साल का बेटा युवान है। घटना के वक्त युवान मां की गोद में बैठा था। उसी वक्त राममोहन ने खुद की कनपटी मेंं गोली मार ली। गोली उनकी कनपटी से आर-पार हो गई थी।
परिचय बताने पर पुलिस बोली: आप अफसर हैं थाने चलिए
घर पहुंचे पुलिसकर्मियों को जब राममोहन ने बताया कि वे एसएएफ इंस्पेक्टर हैं तो पुलिसकर्मी ठंडे पड़ गए। पुलिसकर्मियों ने कहा कि आप अफसर होकर ऐसा कर रहे हैं, थाने चलिए। वहां, टीआई को परेशानी बताइए।
स्मार्ट सिक्यूरिटी ऑफिसर, पढ़ाई में टॉपर
राममोहन स्मार्ट सिक्यूरिटी ऑफिसर रहे हैं। वे काफी इंटेलीजेंट थे। तीन साल पहले उमा भारती के सुरक्षा दस्ते में शामिल हुए थे। इससे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान की सिक्यूरिटी में रह चुके हैं।
20 दिन पहले ही उनका एटीएस में चयन हुआ था। वे अपने बच्चे से बहुत प्यार करते थे, जब भी ड्यूटी से वक्त मिलता उसकी चर्चा करते। फोन कर भी बातें करते रहते थे। कभी कोई समस्या, पत्नी से विवाद के बारे में नहीं बताया। राममोहन ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंस गुवाहाटी से एम.फार्मा की पढ़ाई की थी। वे सेकंड टॉपर थे।
-रवीन्द्र गिरी, एसएएफ सिपाही, राममोहन के दोस्त
बड़े भाई का फोन आया तो वापस लौटा बुधवार शाम मैं स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस से परिचितों से मिलने भोपाल आया था। रात पौने दस बजे मुझे राम मोहन डिपो चौराहे पर मिला। श्रीधाम एक्सप्रेस से मुझे ग्वालियर जाना था। उसने मुझे सवा दस बजे भोपाल रेलवे स्टेशन छोड़ा। तब वह शराब पीया हुआ था। रात करीब 12 बजे मैं ट्रेन का इंतजार कर रहा था। तभी बड़े भाई महेश का गांव से फोन आया कि राम मोहन ने खुद को गोली मार ली है, जाकर देखना उसकी हालत कैसी है। मैं हजेला अस्पताल पहुंचा, जहां वह आइसीयू में भर्ती था। देर रात दो बजे उसने दम तोड़ दिया। राममोहन के पिता महेश परिवहन विभाग से रिटायर्ड हैं।
नहीं सुना विवाद तीन माह पहले ही उन्होंने मेरे घर में किराए से कमरा लिया था। पति-पत्नी का विवाद कभी नहीं सुना। वे बहुत ही शांत थे। गुरुवार सुबह मुझे पता चला कि उन्होंने ऐसे कर लिया है।