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छात्रवृत्ति घोटाला करने वाले कॉलेजों पर होगी कार्रवाई, डुप्लीकेट अंकसूची व टीसी की भी होगी जांच

locationभोपालPublished: Jul 18, 2019 08:02:54 am

Submitted by:

Radhyshyam dangi

लोकायुक्त में भी 190 कॉलेजों के खिलाफ चल रही जांच

BJP

कॉलेज का छात्र बताकर हड़पे जा रहे हैं लाखों,कहीं आप तो नहीं हो रहे ठगी का शिकार

भोपाल. वर्ष 2012-13 और 2013-14 में आदिम जाति कल्याण विभाग की छात्रवृत्ति घोटाले में ईओडब्ल्यू ने डुप्लीकेट अंकसूची व टीसी के आधार प्रवेश देने वाले कॉलेजों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। जांच एजेंसी ऐसे सभी कॉलेजों की सूची तैयार कर रही है, जिन्होंने मूल दस्तावेजों के आधार पर प्रवेश देने वाले कॉलेजों के समानांतर प्रक्रिया अपनाई थी।

ईओडब्ल्यू में ऐसे कॉलेजो के खिलाफ 33 प्रकरण दर्ज है। सभी की जांच की जा रही है। अब तक की जांच में पाया गया है कि करीब 90 प्रोफेशनल एवं इंजीनियरिंग व पारंपरिक पाठ्यक्रम चलाने वाले निजी कॉलेजों ने डुप्लीकेट कागजों के आधार पर प्रवेश देकर छात्रवृत्ति घोटाले को अंजाम दिया है। कुछ कॉलेज में तो मूलभूत साधन-संसाधन भी नहीं थे, लेकिन छात्रवृत्ति के भरोसे ही ये कॉलेज चल रहे थे।

बताया जा रहा है कि दो से तीन साल तक छात्रों के नाम से छात्रवृत्ति निकाली गई। इसमें आदिम जाति कल्याण विभाग के तत्कालीन अफसरों की भी मिलीभगत सामने आई है। यह भी बात सामने आई है कि सरकारी अफसर छात्रवृत्ति जारी करने के बदले में 30-40 फीसदी तक कमीशन लेते थे, हालांकि जांच में अभी तक यह प्रमाणित नहीं हो पाया है।

कई जगह प्रवेश पाया गया

एक ही छात्र का कई कॉलेजों में प्रवेश पाया गया। जहां-जहां प्रवेश लिया गया, वहां-वहां छात्रवृत्ति के फॉर्म भरे गए। सरकारी अफसरों की मिलीभगत से इन्हें छात्रवृत्ति जारी भी की गई। जब इसका खुलासा हुआ तो कई कॉलेजों ने छात्रवृत्ति वापस कर दी। जांच में यह तथ्य शामिल किया जा रहा है कि जिन्होंने छात्रवृत्ति वापस की, उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया है। इसलिए प्राथमिक तौर पर वे आरोपी बनाए जाएंगे।

इधर, लोकायुक्त में भी 190 कॉलेजों के खिलाफ चल रही जांच

इंजीनियरिंग व प्रोफेशनल कोर्स में छात्रवृत्ति घोटाला उजागर होने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने वर्ष 2008-09 और 2009-10 में हुए एक अन्य छात्रवृत्ति घोटाले में भी 190 पैरामेडिकल कॉलेजों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर रखा है। भोपाल संभाग के 20, इंदौर के 18, उज्जैन के 11, जबलपुर के 48, सागर के 5, रीवा के 14 और ग्वालियर संभाग के 35 कॉलेज इस घोटाले में शामिल है।


प्रकरण में जांच की जा रही है। हमारे यहां 33 प्रकरण दर्ज है, इनमें मूल दस्तावेजों के आधार पर प्रवेश देने और डुप्लीकेट दस्तावेजों के आधार पर प्रवेश देने वाले कॉलेजों की छटनी की जा रही है। डुप्लीकेट दस्तावेजों का उपयोग कर छात्रवृत्ति लेने वाले कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। – केएन तिवारी, डीजी ईओडब्ल्यू

 

 

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