राज्य सरकार केंद्र सरकार के अध्यादेश के एवज में कोई अध्यादेश लाएगी इस पर सीएम शिवराज चौहान ने कहा, “मुझे जो कहना था वो मैंने कह दिया।” अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सवर्ण, पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति सभी वर्गों के हितों को सुरक्षित रखा जाएगा, जो भी शिकायत आएगी, उसकी जांच के बाद ही किसी की गिरफ्तारी होगी।
मैं तकलीफ महसूस कर रहा हूं : उदित राज
इधर, बीजेपी सांसद उदित राज ने कहा कि मैं तकलीफ महसूस कर रहा हूं कि ऐसा बयान क्यों दिया है। हमारी सरकार कानून मजबूत करती है और हमारे चीफ मिनिस्टर डाइल्यूट करते हैं। इससे बड़ी बेचैनी महसूस कर रहा हूं। सीएम के बयान के बाद समाज में फिर से निराशा है। इसलिए इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए।
वहीं आरपीआई नेता और सांसद रामदास अठावले ने कहा, हो सकता है शिवराज सिंह चौहान ने अपना बयान अगड़ी जातियों को खुश करने के लिए दिया हो लेकिन उन्हें ऐसी कोई बात नहीं बोलनी चाहिए जिससे दलित समुदाय में भय या असुरक्षा की भावना पैदा हो। उन्होंने कहा कि सीएम को अपना बयान वापस लेना चाहिए क्योंकि मुख्यमंत्री अगड़े और पिछड़े दोनों के लिए होता है।
दलित कानून के खिलाफ प्रदेश में विरोध प्रदर्शन
सवर्णों द्वारा लगातार प्रदेश में दलित कानून के खिलाफ सड़कों पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है। बीते 20 सितम्बर को सवर्णों ने मंत्री रामपाल और बीजेपी कार्यालय का भी घेराव करते हुए काले झंडे दिखाए। जिसमें पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों का गिरफ्तार भी किया था। बतादें कि मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव जल्द होने वाले हैं उसके पहले सवर्णों का विरोध काफी अहम माना जा रहा है।