सदानंद गौड़ा ने कहा, देश में यूरिया की कोई कमी नहीं है राजनीतिक कारणों से कहा जा रहा है यूरिया की कमी है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में यूरिया के सर्वाधिक उपभोग वाली अवधि को ध्यान में रखते हुए उर्वरक विभाग ने पहले ही प्रदान कर दी है इसके बाद भी कमी की बात आती है तो केन्द्र सरकार किसानों के लिए यूरिया उपलब्ध कराने में कोई कमी नहीं रखेगी। उन्होंने कहा उर्वरक विभाग मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (कृषि) और राज्यों के वरिष्ठ कृषि अधिकारियों के स्तर पर संबंधित राज्य सरकारों के साथ निरंतर संपर्क में है और इसके साथ ही प्रति दिन स्थिति पर करीबी नजर रखी जा रही है। उर्वरक विभाग सभी राज्यों में उर्वरकों की मांग पूरी करने के साथ-साथ अन्य स्थितियों से भी निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। राज्यों से अपने यहां समय पर और एकसमान वितरण सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है, ताकि किसानों को उर्वरक समय पर मिल सके।
मध्यप्रदेश में किसानों के लिए यूरिया का संकट बढ़ता जा रहा है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सदानंद गौड़ा को खाद की कमी के कारण उपजे संकट पर लेटर लिखा था। सिंधिया ने खाद की कमी को लेकर केन्द्र सरकार पर आरोप लगाया है। सिंधिया ने कहा, मध्य प्रदेश में भाजपा के 15 साल के कुशासन में कृषि संकट ने अन्नदाताओं की कमर तोड़ कर रख दी है। अब जब हम अन्नदाताओं की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं तो केंद्र सरकार खाद उपलब्ध नहीं करवा रही है।
सिंधिया ने खाद आवंटन को लेकर केंद्रीय खाद्य और रसायन मंत्री को पत्र लिखा है। वहीं, उन्होंने ट्वीट कर कहा है, दिसंबर में 4.1 लाख मीट्रिक टन की स्वीकृति दी थी, लेकिन 1.8 लाख मीट्रिक टन ही पहुंचाया है। केंद्र सरकार किसानों की परेशानियो को बढ़ाने में लगी है। इस विषय में मैंने केंद्रीय खाद्य और रसायन मंत्री सदानंद गौड़ा जी को पत्र लिख कर प्रदेश में मांग के अनुसार अतिशीघ्र खाद आवंटन की मांग की।
क्या लिखा है लेटर में
सिंधिया ने अपने लेटर में लिखा है। मैं आपका ध्यान मध्यप्रदेश में उत्पन्न खाद की कमी री ओर आकर्षित करना चाहूंगा। यह स्थिति हाल ही में हुए प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बाद उत्पन्न हुई , जब अचानक केन्द्र सरकार ने मध्यप्रदेश में खाद सप्लाई कम कर दी है। रबी की बुवाई के चलते किसानोंको यूरिया खाद की आवश्यकता रहती है लेकिन बाजार में यूरिया की उपलब्धता नहीं होने के चलते फसलों को बिना खाद के पानी की सिंचाई की जा रही है जिससे फसल बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। यूरिया खाद की कमी के कारण किसानों को खाद के लिए परेशानी उठानी पड़ रही है।