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चार साल बाद बना ऐसा संयोग, रक्षा बंधन पर नहीं है भद्रा का साया, जानिए राखी का शुभ मुहूर्त

locationभोपालPublished: Aug 11, 2018 10:39:18 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

Raksha Bandhan 2018 rakhi shubh muhurat रक्षाबंधन : चार साल बाद बना संयोग, 11 घंटे बंधेगी राखी, इस बार भाई- बहन के प्रेम, में भद्रा नहीं बनेगा बाधक, इस बार रक्षा बंधन पर नहीं है भद्रा का साया

Raksha Bandhan 2018

Raksha Bandhan 2018

भोपाल. भाई-बहन के अटूट प्रेम के त्योहार रक्षाबंधन पर इस बार भद्रा बाधक नहीं बनेगा। इस बार 11 घंटे 26 मिनट तक बहने भाइयों को राखी बांध सकेंगी। दरअसल इस बार भद्रा 26 अगस्त को सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा। इससे दिनभर रक्षा बंधन का पर्व रहेगा।

रात में भी बांधी जा सकेगी राखी

यही नहीं सूर्योदय व्यापिनी तिथि मानने के कारण रात में भी राखी बांधी जा सकेगी। चार साल बाद ऐसा संयोग बना रहा है कि रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा। ब्रह्म ज्योतिष संस्थान के पंडित जगदीश शर्मा के मुताबिक पंचांग के अनुसार पूर्णिमा 25 अगस्त दोपहर 3.15 बजे से 26 अगस्त को शाम 5.30 बजे तक रहेगी।

Raksha Bandhan 2018

इस दिन धनिष्ठा नक्षत्र दोपहर 12.35 बजे तक रहेगा। वहीं 26 अगस्त को पूर्णिमा शाम 5.26 तक होने से यह त्योहार पूरे दिन मनाया जाएगा। ज्योतिष विद्वानों का मानना है कि श्रावण पूर्णिमा ग्रहण से मुक्त रहने के चलते त्योहार सौभाग्यशाली रहेगा। वहीं रक्षाबंधन के दिन धनिष्ठा नक्षत्र होने से पंचक रहेगा। राखी बांधने में यह बाधक नहीं रहेगा।

Rakhi ka shubh muhurat राखी का शुभ मुहूर्त

शुभ मुहूर्त- 26 की सुबह 5:59 मिनट से शाम 17: 12 मिनट तक
मुहूर्त की अवधि : 11 घंटे 26 मिनट
रक्षाबंधन में दोपहर का मुहूर्त : 13:39 से 16:12 तक
मुहूर्त की अवधि : 02 घंटे 33 मिनट

rakhi panchak क्या है पंचक

धनिष्ठा से रेवती तक पांच नक्षत्रों को पंचक कहा जाता है जो कि पांच दिनों तक चलता है। भ्रांति है कि इसमें कोई कार्य नहीं करना चाहिए। बल्कि पंचक में अशुभ कार्य नहीं करना चाहिए। इसमें शुभ कार्य कर सकते हैं, क्योंकि उनकी पांच बार पुनरावृत्ति होती है। पूर्व में सिंह के सूर्य में आने से इसकी महत्वता और बढ़ गई है।


चंदन से राखी, ड्रायफ्रूट से बनाए गणेश

युवा प्रकोष्ठ गायत्री शक्तिपीठ द्वारा शुक्रवार से स्वदेशी राखी और इकोफ्रेंडली गणेश प्रतिमा निर्माण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया। रविन्द्र नाथ टैगोर यूनिवर्सिटी में आयोजित कार्यशाला में सैकड़ों बच्चों ने गणेश प्रतिमा बनाई। साथ ही छात्रों ने स्वदेशी राखी बनाना सीखा।

स्वयं से बनाई ( निर्मित) राखी

कार्यशाला में स्वदेशी राखी तुलसी, रुद्राक्ष, चंदन के दाने से रेशम, सूती धागे द्वारा बनाई गई। ईकोफ्रेंडली गणेश प्रतिमा सुपारी ड्राइफू्रट, पेपर मेशी मिट्टी से बनाई। विद्यार्थियों ने शपथ ली कि राखी का त्योहार स्वदेशी राखी, स्वयं से बनाई ( निर्मित) राखियों द्वारा ही मनाएंगे। बच्चे अपने हाथों से बनाई गणेश प्रतिमा को घर ले गए। और संकल्प लिया कि वे लोगों को भी इको फ्रेंडली त्योहार मनाने के लिए प्रेरित करेंगे।

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