शहरी क्षेत्र में वर्षा जल संरक्षण को लेकर नगरपालिका ने रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य कर दिया है। जिससे अब मकान बनाने की परमिशन तभी मिलती हैं जब रेनवॉटर हार्वेस्टिंग के लिए दस हजार रुपए की एफडी कराई जा। लोग तो नियम का पालन करते हुए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम घरों में बना रहे हैं, लेकिन नगरपालिका की सौ साल से अधिक पुरानी बिल्डिंग में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ही नहीं बना है। करीब दो एकड़ क्षेत्र में फैले इस कैंपस में बारिश का पानी यूं ही सडक़ पर बह जाता है। इसे जमीन में उतारने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।
पुराने कलेक्टोरेट कैंपस में स्थित सहायक आयुक्त आदिम जाति कल्याण विभाग में भी वर्षाजल संरक्षण को लेकर रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया गया है। जिससे बारिश का पानी सीधे सडक़ पर बह जाता है। कुछ साल पहले बनाई गई विभाग की नई बिल्डिंग में भी रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के लिए कोई प्रावधान नहीं किए गए। छत का पानी नीचे उतारने के लिए पाइप तो लगा दिए गए हैं, लेकिन इन्हें रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाकर जोड़ा नहीं गया है। जिससे बारिश में छत का पानी पाइप से होकर सीधे बह जाता हैं। इसे जमीन के अंदर उतारने सिस्टम नहीं बनाया गया है।
बस स्टैंड रोड पर स्थित पशु चिकित्सा विभाग में भी वर्षा जलसंरक्षण को लेकर कोई रूचि नहीं है। पशु चिकित्सालय के कैंपस में अलग-अलग बिल्डिंग बनाई गई है। कुछ पुराने जमाने की खपरेलनुमा हैं तो कुछ नई बनी हैं,लेकिन किसी भी बिल्डिंग में बारिश के पानी को सहेजने के लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बनाया गया है। बारिश के पानी की निकासी के लिए पाइप भी लगा दिए गए हैं, लेकिन पाइप भी आधे अधूरे ही लगाए गए हैं। बारिश का यह पूरा पानी व्यर्थ सडक़ पर बह जाता है। जबकि इस बड़े कैंपस में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के माध्मय से लाखों लीटर पानी सहेजा जा सकता है।
इनका कहना
– जिन सरकारी विभागों में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं बने हैं उन्हें नगरपालिका पत्र लिखेंगी कि वे जलसंरक्षण के लिए रेनवॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से बनाए। जहां तक नपा की बिल्डिंग की बात है तो यह पुरानी हो चुकी हैं नई बिल्डिंग में हमें इसका प्रावधान करेंगे।
– ओमपाल सिंह भदौरिया, सीएमओ नगरपालिका बैतूल।