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गन्ना नीति और बोनस के लिए किसानों का पैदल मार्च, अर्धनग्न होकर प्रदर्शन

locationभोपालPublished: Jan 11, 2019 01:16:00 am

Submitted by:

Ram kailash napit

राजधानी में जुटे नरसिंहपुर के गन्ना किसान, मंत्री ने दिया एक सप्ताह का समय

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Protest of farmers
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भोपाल. गन्ना किसानों का शोषण रोकने और मप्र में जल्द गन्ना नीति लागू करने सहित गन्ने का मूल्य प्रति क्विंटल 262 की जगह 330 रुपए करने की मांग को लेकर नरसिंहपुर जिले के किसानों ने एमपी नगर में बीआरटीएस की डेडिकेटेड लेन में अर्धनग्न होकर तीन घंटे तक प्रदर्शन किया। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा। बाद में किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कृषि मंत्री सचिन यादव को मंडी बोर्ड में जाकर ज्ञापन सौंपा। कृषि मंत्री ने किसानों को मूल्य निर्धारण के लिए एक सप्ताह का समय दिया है।

किसानों का कहना है कि इस अवधि तक उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वे दोबारा भोपाल कूच करेंगे। नरसिंहपुर जिले के किसान लंबे समय से गन्ने का मूल्य बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। वर्तमान में उन्हें 262 रुपए प्रति क्विंटल का भाव दिया जा रहा है, लागत ज्यादा होने से इस भाव पर काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उनका कहना था कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में गन्ने पर 50 रुपए बोनस देने की घोषणा की है। इसका भी पालन नहीं हो रहा। कृषक महेन्द्र सहतैया ने कहा कि इस वर्ष पंजाब, हरियाणा,उप आदि राज्यों में 325 रुपए का मूल्य दिया जा रहा है। वर्तमान में गन्ने पर 12त्न से 15 त्न रिकवरी प्राप्त हो रही है तो यहां 330 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि शुगर मिलें मनमानी पर उतारू है और 262 रु. का भाव 6 महीने बाद देने को कह रही है। ज्ञापन देने मंडी बोर्ड कार्यालय पहुंचे किसानों को जमीन पर ही बैठा देखकर कृषि मंत्री सचिन यादव भी उनके साथ बैठ गए और वहीं किसानों से चर्चा की।
थोड़ा-थोड़ा गन्ना बेचें तो मिलेगा ज्यादा मूल्य
गन्ना एक्सपर्ट बताते हैं कि प्रदेश में कुल गन्ना उत्पादन का 65 प्रतिशत गन्ना खांडसारी (गुड) बनाने में जाता है जबकि 35 प्रतिशत गन्ना शुगर मिलों में जाता है। नवंबर-दिसंबर माह में मिलों में पहुंचने वाले गन्ने की रिकवरी कम निकलती है, जबकि मार्च-अप्रैल में आने वाले गन्ने में रिकवरी ज्यादा आती है। इसलिए किसानों को चाहिए कि वे थोड़ा-थोड़ा गन्ना मिलों को विक्रय करें तो उन्हें मूल्य भी ज्यादा मिलेगा।

तीन घंटे तक लगती रही वाहनों की कतार
मांगों को लेकर हबीबगंज स्टेशन से विधानसभा जा रहे किसानों को पुलिस ने बोर्ड ऑफिस चौराहे के पहले बीआरटीएस डेडीकेटेड लेन में बेरीकेट्स लगाकर रोक दिया। डेडीकेटेड लेन में किसानों को रोककर रखने से लो-फ्लोर बसों का संचालन बोर्ड ऑफिस से लेकर प्रगति पंप चौराहे तक मिक्स लेन में हुआ। मिक्स लेन में लो-फ्लोर के संचालन से चौराहे के आसपास वाहनों की लंबी कतार लगती रही। करीब तीन घंटे तक यह हालात बनते रहे। किसान विधानसभा तक नहीं पहुंच सकें इसके लिए पुलिस ने उन्हें हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर घेर लिया था। पुलिस के पहरे में किसान हबीबगंज स्टेशन से बोर्ड आफिस चौराहे तक पहुंचे।
किसानों की मांगें जायज हैं। उन्हें समर्थन मूल्य के हिसाब से गन्ने का मूल्य मिलना चाहिए, ताकि लागत के हिसाब से कुछ फायदा मिल सके।
डॉ. साधुराम शर्मा, पूर्व गन्ना आयुक्त
कृषि मंत्री ने गन्ने के भाव बढ़ाने का आश्वासन दिया है। एक सप्ताह तक मांगें पूरी नहीं हुई तो दोबारा राजधानी में बड़ा आंदोलन करेंगे।
विनायक परिहार, अध्यक्ष, किसान संघर्ष समिति
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