scriptBREAKING : D-7 बंगले का सच जानने आखिरकार हरकत में आया पुलिस विभाग Also Video | police on action mode for D-7 Bunglow | Patrika News

BREAKING : D-7 बंगले का सच जानने आखिरकार हरकत में आया पुलिस विभाग Also Video

locationभोपालPublished: Feb 14, 2019 01:13:14 pm

कुछ अधिकारी इस मामले को व्यक्तिगत मामला बताते हुए कर चुके हैं दखलअंदाजी से इनकार…

IPS Bunglow

BREAKING : D-7 बंगले का सच जानने आखिरकार हरकत में आया पुलिस विभाग

भोपाल@सत्येंद्र भदौरिया की रिपोर्ट…

मृत पिता को अपने सरकारी बंगले में रखकर इलाज करने के मामले में आखिरकार पुलिस को हरकत में आना ही पड़ा।

शुक्रवार सुबह पत्रिका समाचार पत्र में प्रकाशित ‘आइपीएस एक माह से घर में रखे है, पिता का शव, जिंदा करने के लिए झाड़-फूंक ‘ खबर के बावजूद दोपहर करीब 12 बजे तक पुलिस की ओर से एडीजी राजेंद्र कुमार मिश्रा के बंगले में पिता के शव से दुर्गंध के मामले में कोई एकशन नहीं लिया गया। लेकिन लगातार चारों ओर से बढ़ रहे दबाव के बाद आखिरकार पुलिस को एक्शन के लिए मजबूर होना पड़ा।

हरकत में आया पुलिस मुख्यालय…
अब सामने आ रही जानकारी के अनुसार डीजीपी वीके सिंह ने इसके लिए एडीजी रैंक के अधिकारियों की टीम बनाई है, जो करीब 1 बजे के आसपास आईपीएस राजेंद्र कुमार मिश्रा के बंगले पहुंचेगी।

बंगले में अधिकारियों की टीम राजेंद्र कुमार मिश्रा और उनके परिजनों से बातचीत करेगी। बताया जाता है कि मौके की स्थिति और बातचीत के बाद पुलिस मुख्यालय इस मामले में कोई फैसला लेगा।

जबकि इससे पहले पुलिस के कुछ अधिकारी इस मामले को व्यक्तिगत मामला बताते हुए दखलअंदाजी से इनकार कर चुके थे। इसके अलावा डीआईजी इरशाद वली भी इस मामले में कह चुके थे कि कोई कंपलेन आएगी, तब पुलिस भेजेंगे।

ये बोले ग्रहमंत्री
वहीं दूसरी ओर गृहमंत्री के बंगले पर पहुंचे पत्रकारों को गृहमंत्री बलाबच्चन ने बयान देते हुए कहा कि उन्हें एडीजी मामले में न्यूज पेपर के माध्यम से जानकारी मिली है, सीएम से चर्चा करके एक्शन लेंगे।

 

ये है मामला…
दरअसल D-7 बंगले में रहने वाले MP के एडीजी रैंक के एक आइपीएस अफसर राजेंद्र कुमार मिश्रा अपने मृत पिता का एक महीने से बंगले में इलाज करवा रहे हैं। उनको जिंदा बताकर बंगले पर तांत्रिकों से झाड़-फूंक करा रहे हैं। अस्पताल उनका डेथ वारंट जारी कर चुका है, पर अधिकारी को डॉक्टरों की बात का भरोसा नहीं है।

वे मान रहे हैं कि उनके पिता जीवित हैं और उन्हें इलाज की जरूरत है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब अफसर के दबाव में मृतक की सेवा कर रहे दो एसएएफ जवान बीमार हो गए और उन्होंने साथियों को ये बात बताई।
ऐसे हुआ खुलासा…
इसके बाद से अफसर के दबाव में बंगले पर ड्यूटी करने वाले एसएएफ के दो सुरक्षा कर्मी मृतक की सेवा कर रहे थे। लाश से उठती बदबू और संक्रमण के चलते दोनों बीमार हो गए तब मामले की हकीकत सामने आई।
उन दोनों जवानों ने साथियों को बताया कि बंगले पर आयुर्वेदिक डॉक्टरों के साथ दूर-दराज से तांत्रिक भी झाड़-फूंक करने आ रहे हैं। यह जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद दोनों जवान भीा गायब हो गए हैं।
बंगले से आ रही दुर्गंध…
जब पत्रिका रिपोर्टर मौके पर पहुंचा तो एडीजी राजेंद्र मिश्रा ने बाहर खड़े होकर ही बात की। बंगले के अंदर से बदबू आ रही थी।

गेट पर खड़े जवान ने भी कहा कि कुछ दिनों से लगातार बदबू आ रही है। मिश्रा के बड़े भाई भी वहां मौजूद थे लेकिन वे चुप्पी साधे रहे। राजेंद्र मिश्रा से जब पूछा गया कि आयुर्वेद का कौन सा डॉक्टर इलाज कर रहा है तो वे अंदर चले गए।

जानकारी के अनुसार पिछले माह जनवरी की 13 तारीख को उन्हें फेंफड़ों में संक्रमण के चलते बसंल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बसंल अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि कालूमणी मिश्रा की अगले दिन 14 जनवरी को ही मौत हो गई थी और डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया गया था।

नियमानुसार परिजनों को शव सौंप दिया गया था। इस मौके पर पुलिस के कुछ अफसर भी अस्पताल पहुंचे थे। पुलिस लाइन से शव वाहन भी बंसल हॉस्पिटल पहुंंचा, उस वाहन में ही एडीजी के पिता के शव को उनके बंगले तक ले जाया गया।

बंगले पहुंचने के बाद उनके घर मौजूद रिश्तेदार रोने लगे, तभी उनके शरीर में कथित रूप से कुछ हरकत हुई। इसके बाद राजेंद्र मिश्रा ने शव वाहन को यह कहकर वापस भेज दिया कि पिता के प्राण वापस आ गए हैं। तभी से वे उन्हें अपने बंगले पर रखे हुए हैं, और उनका आयुर्वेदिक इलाज किया जाना बताया जा रहा है।

ट्रेंडिंग वीडियो