पुलिस के मुताबिक शोकत मोहम्मद खान समेत फुरकान मोहम्मद और मो.जुबेर के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
ऐसे समझे मामला…
इससे पहले प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद राजधानी की अल्पसंख्यक सियासत में अचानक उफान आ गया। नवागत अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील ने पिछले दिनों वक्फ बोर्ड के अधीन मुतावल्ली कमेटी इंतेजामिया औकाफ ए आम्मा भोपाल में व्याप्त आर्थिक अनियमितताओं की जांच के लिए कमेटी बना दी थी।
इस जांच के जरिए परोक्ष रूप से उन्होंने वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शौकत मोहम्मद खान को निशाने पर ले लिया। ये दोनों ही नेता एक-दूसरे पर वक्फ बोर्ड की जमीन पर अतिक्रमण करने के आरोप लगाते रहे हैं।
उस समय अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने अपर संचालक किरण गुप्ता की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाई थी, जिसमें लेखाधिकारी कैलाश नागिया, वक्फ बोर्ड के सहायक सचिव मो. अहमद खान, सीनियर अकाउंटेंट जिल्लुर्रहमान और बड़े बाबू मरगूब मो. खान को सदस्य बनाया गया।
यह समिति मुख्य रूप से औकाफ ए आम्मा भोपाल के अंतर्गत वक्फ संपतियों को मनमाने किराए पर देकर आर्थिक क्षति पहुंचाने की जांच करेगी। इसके अलावा अगस्त 2013 से नवंबर 2018 तक संस्था के संपूर्ण अकाउंट की जांच एवं वक्फ संपतियों पर बोर्ड की अनुमति के बिना निर्माण कराने की पड़ताल करेगी।
इसी अवधि में नई किराएदारियों एवं किराएदारी परिवर्तन या नामांतरण प्रकरण भी जांच के दायरे में रहेंगे। साथ अपात्र लोगों को स्कालरशिप देने और पेंशन बढ़ाने की भी शिकायतें भी मिली।
बताया जाता है कि ऐसे आधा दर्जन मुद्दों की जांच कर कमेटी जल्द ही अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपने की बात कहीं गई थी। इस पूरे मामले में जानकारों का कहना था कि आरिफ अकील की शौकत मो. खान से पुरानी अनबन रही है।
पद पर रहते हुए शौकत मोहम्मद ने अकील और उनके परिजनों पर वक्फ संपत्ति पर अतिक्रमण करने का मामला दर्ज कराया था।
अब सत्ता में आने के बाद आरिफ अकील उन्हें उनके कार्यकाल में हुई गड़बड़ियों के जरिए घेर रहे हैं। अकील ने तो शौकत मोहम्मद पर कब्रिस्तान की जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने का आरोप लगाया था।