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मोदी सरकार की सेना को पूरी छूट, पाक से लिया ये दर्जा वापस- लोगों ने बताया सही कदम

locationभोपालPublished: Feb 15, 2019 12:47:32 pm

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के जरिए पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव… #pulwama terror attack

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मोदी सरकार का बड़ा फैसला, पाक से लिया ये दर्जा वापस- लोगों ने बताया सही कदम

भोपाल। पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर आतंकी हमले के बाद से मध्यप्रदेश सहित देश के सभी राज्यों के लोगों में गुस्सा पूरे जोर पर है। वहीं शहीदों को श्रृद्धांजलि देने का सिलसिला भी शााम से ही शुरू हो गया है।

इन्हीं सब के बीच केंद्र सरकार ने अब पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। सबसे पहले केंद्र सरकार ने पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेने का फैसला modi latest attack on pak किया है।

इस सूचना के सामने आते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों के लोगों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है।

ये कदम काफी देरी से लिया गया है। इसे तो पहले ही उठा लेना चाहिए था, जो पाक की कमर तोड़ने का पहले ही काम करता। लेकिन अब भी उठाया गया ये कदम स्वागत योग्य है। इस कदम का कुछ नुकसान भारत को भी हो सकता है, लेकिन देश के लिए हर कोई तैयार है।
– डीके शर्मा, राजनीति के जानकार, ग्वालियर

सरकार की ओर से और कड़े कदम उठाए जाने चाहिए, यहां तक की सर्जिकल स्ट्राइक सहित कई और ऐसे कार्य करने बेहद जरूरी हैं कि पाकिस्तान की कमर टूट जाए। मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म करना अच्छा कदम है, लेकिन केवल इससे काम नहीं चलेगा। अभी और भी बहुत से कदम उठाने की जरूरत है।
– अरुण शुक्ला, भोपाल
चुनावों से ठीक पहले ऐसे हमले कहीं न कहीं भारत को प्रभावित करने की साजिश दिखती है। इसके लिए मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा वापस लेना अच्छा कदम है। लेकिन ये दोनों ओर ही कुछ नुकसान करेगा। ऐसे में और ज्यादा सख्त कदमों की भी आवश्यकता है।
– विनोद शर्मा, भोपाल
सेना को दी पूरी छूट…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलवामा अटैक में 41 से अधिक जवानों की शहादत के बाद ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा है कि हमले के बाद जो देश की अपेक्षाएं हैं, कुछ कर गुजरने की भावनाएं हैं, वो भी स्वाभाविक हैं।
हमारे सुरक्षा बलों को पूर्ण स्वतंत्रता दे दी गई है। हमें अपने सैनिकों के शौर्य पर उनकी बहादुरी पर पूरा भरोसा है। मुझे पूरा भरोसा है कि देश भक्ति के रंग में रंगे लोग, सही जानकारियां भी हमारी एजेंसियों तक पहुंचाएंगे। साथ ही आतंक के लिए हमारी लड़ाई और तेज हो सके।
मैं आतंकी संगठनों को और उनके सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि वे बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं, उन्हें इसकी बहुत बड़ी कीमत उनको चुकानी पड़ेगी। मैं देश को भरोसा देता हूं, हमले के पीछे जो ताकतें हैं, इस हमले के बीच जो भी गुनहगार हैं, उन्हें उनके किए की सजा अवश्य मिलेगी।
मेरा सभी साथियों से अनुरोध है कि वक्त बहुत संवेदनशील और भावुक पल है। पक्ष में या विपक्ष में हम सब राजनीतिक छींटाकशी से दूर रहें और इस हमले का देश एक जुट होकर मुकाबला कर रहा है। देश एक साथ है, देश का एक ही स्वर है, यही विश्व में सुनाई देना चाहिए। लड़ाई हम जीतने के लिए लड़ रहे हैं।

मोस्ट फेवर्ड नेशन या एमएफएन के दर्जे का मतलब…
दरअसल एमएफएन का मतलब है मोस्ट फेवर्ड नेशन, यानी सर्वाधिक तरजीही देश, विश्‍व व्‍यापार संगठन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों के आधार पर व्यापार में सर्वाधिक तरजीह वाला देश (एमएफएन) का दर्जा दिया जाता है।

एमएफएन का दर्जा मिल जाने पर दर्जा प्राप्त देश को इस बात का आश्वासन रहता है कि उसे कारोबार में नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।


वहीं सरकार ने इसके अलावा रणनीतिक तौर पर भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के जरिए पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाया जाएगा। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्यॉरिटी (सीसीएस) की बैठक में ये फैसले लिए गए। जिनकी जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दी।

बैठक में प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, वित्त मंत्री अरुण जेटली के अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुख और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल शामिल हुए। इस बैठक में आगे की कार्रवाई पर चर्चा के साथ ही विशेष रूप से जम्‍मू-कश्‍मीर में सुरक्षा व्‍यवस्‍था पर विचार किया।

वित्त मंत्री जेटली ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कल के आतंकी हमले का विश्लेषण किया गया। बैठक में हमले में शहीद जवानों के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया।

जेटली ने कहा कि मामले को विदेश मंत्रालय के जरिए कूटनीतिक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को दिया गया ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ का दर्जा वापस ले लिया गया है।

मोस्ट फेवर्ड नेशन के ये हैं लाभ…
ज्ञात हो कि एमएफएन का दर्जा कारोबार में दिया जाता है। इसके तहत आयात-निर्यात में आपस में विशेष छूट मिलती है। यह दर्जाप्राप्त देश कारोबार सबसे कम आयात शुल्क पर होता है।

डब्ल्यूटीओ के सदस्य देश खुले व्यापार और बाज़ार से बंधे हैं मगर एमएफएन के क़ायदों के तहत देशों को विशेष छूट दी जाती है। सीमेंट, चीनी, ऑर्गेनिक केमिकल, रुई, सब्जियों और कुछ चुनिंद फलों के अलावा मिनरल ऑयल, ड्राई फ्रूट्स, स्टील जैसी कमोडिटीज़ और वस्तुओं का कारोबार दोनों देशों के बीच होता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 2012 के आंकड़े के मुताबिक़ करीब 2.60 बिलियन डॉलर का व्यापार होता है।

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