ऐसे हुआ खुलासा
पत्रिका टीम ने चौकी में चूल्हा जलता देखा तो इसकी हकीकत जानी। जानकारी निकालने पर पता चला कि यहां एक महिला अपने दो बच्चों के साथ पिछले तीन माह से यहां रह रही है। इस महिला ने अपना नाम सोनाबाई बताया और खुद को भोपाल की रहने वाली बता रही है। उससे पूछा गया कि तुम्हे यहां किसने रहने के लिए जगह दी तो वह बोली किसी ने जगह नहीं दी है, खाली पड़ा था तो यहां रहने लग गए। उसने यह भी बताया कि पिछले तीन माह के दौरान किसी भी व्यक्ति ने उससे यहां रहने का कारण नहीं पूछा। आसपास के दुकानदारों ने बताया कि तीन महीने से महिला ने यहां कब्जा कर रखा है और जब वे यहां से कहीं जाती है तो चौकी पर उसी का ताला लगाकर जाती है।
चौकी के फर्नीचर का भी इस्तेमाल
कुछ समय पहले तक यहां पर बाकायदा चौकी लगा करती थी और पुलिस का यहां पर स्टाफ भी मौजूद था। कुछ माह से चौकी अचानक बंद कर दी गई, लेकिन सारा सामान इसी में रख दिया गया। यहीं फुटपाथ रहने वाली सोनाबाई ने जब इसे कई दिनों तक खाली देखा तो अपने बच्चों और सामान सहित यहां रहने आ गई। तभी से पुलिस चौकी इसका घर है और चौकी का सारा सामान
पास में ही है बीडीए मुख्यालय
यह चौकी जिस जगह पर स्थित है उसके एक तरफ बीडीए का मुख्यालय है दूसरी तरफ गवरनमेंट प्रेस है। बीडीए के सभी अफ सर और पदाधिकारी यहीं से गुजरते हैं। आज तक किसी की पुलिस चौकी पर जल रहे चूल्हे पर नजर नहीं पड़ी और न ही यहां फुटपाथ पर रहने वालों की खबर ली गई।
– महिला और बच्चों के पुनर्वास के लिए हमारी संस्था काम करती है। अगर पुलिस हमसे मदद लेगी तो निर्भया बच्चों सहित महिला को अपने आश्रम में जगह देगी।
समर खान, काउंसलर, निर्भया महिला आश्रम
गंभीर चूक है ये
– गंभीर लापरवाही अगर इस महिला के साथ कोई अनहोनी हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। राजधानी भोपाल में यह हाल है तो अन्य जगह क्या हो रहा होगा।
उमाशंकर तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता
दिखवाता हूं क्या है मामला
– पुलिस चौकी में ऐसे कोई नहीं रह सकता, मेरी जानकारी में बात आई है तो आज ही इसका पता लगाता हूं। जहां तक विस्थापन की बात है उसके लिए भी हम बात करेंगे।
राहुल कुमार लोढ़ा, एसपी साउथ, भोपाल