एक दर्जन से अधिक महिलाएं सहयोग कर रही
महिलाओं ने यह पहल समाजसेवी संस्था ‘सकारात्मक सोचÓ के तहत की है। सकारात्मक सोच संस्था की संयोजक किरन शर्मा ने बताया कि नर्सरी का नाम नदी का घर वाटिका रखा गया है। ‘सृजन के बीज बनेÓ अभिनव पहल में एक दर्जन से अधिक महिलाएं सहयोग कर रही हैं। यहां पर महिलाएं बीज इक_ा कर छोटी-छोटी कलम लगाकर पौधे तैयार करती हैं। नर्सरी में पौधों की छटनी और नई पौध लगाने का सृजनात्मक कार्य महिलाएं खुद करती है।
गमला भी मुहैया कराती है नर्सरी
हरियाली बचाने के लिए सृजन के बीज बने महिम के तहत महिलाएं केवल पौधे उपलब्ध नहीं कराती हैं। पौधे को लगाने के लिए जैविक खाद और गमला भी महिलाएं उपलब्ध कराती हैं। संस्था की संयोजक शर्मा ने बताया कि यह बात बीते तीन महीने से चल रहा है। महिलाओं की टीम घर की वेस्ट सामग्री से गमला बनाती हैं और उन गमलों में पौधे लगाकर नि:शुल्क वितरित किए जाते हैं।
प्रशिक्षण भी दे रही हैं महिलाएं
महिलाओं का ग्रुप सरकारी और निजी स्कूलों में पहुंचकर स्टूडेंट्स को घर की वेस्ट सामग्री का बेस्ट उपयोग करने का प्रशिक्षण भी दे रहा है। इस प्रशिक्षण के दौरान बच्चों को हरियाली बचाने और स्वच्छता के लिए प्रेरित किया जाता है। संस्था प्रशिक्षण के दौरान अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को सम्मानित भी करती है। बीज बैंक बनाकर तैयार किए पौधे, नि:शुल्क किया जा रहा है पौधों का वितरण, एक हजार से ज्यादा पौधे अभी तक बांटे गए हैं।