भोपाल। बच्चे मां-बाप की किस बात को मन में बैठा लें और उस पर क्या कदम उठम उठा लें? ये जानना न केवल मुश्किल है, बल्कि इस बारे में सोचना भी आपको परेशान कर देता है। पर, भोपाल के एक मां-बाप ने शायद इस बात को गंभीरता से लिया होता तो उनकी 17 साल की बेटी इस तरह घर छोड़कर नहीं जाती। मां-बाप बेटे को ज्यादा प्यार कर रहे थे। बेटी को ये देखते साल बीत गए, पर जब मां-बाप का स्वभाव नहीं बदला तो बेटी ने घर छोडऩा ही मुनासिब समझा। आइए हम बताते हैं इस मामले को…
बड़े घर की लड़की ने उठाया कदम
आपको बता दें कि घर छोडऩे से पहले उस बेटी ने एक कागज पर सिर्फ दो लाइन लिखी कि मैं घर छोड़कर जा रही हूं। अब अपने बेटे को खूब प्यार करना। रोज-रोज की डांट फटकार से मैं परेशान हो गई हूं। मेरे जाने के बाद मुझे तलाश करने की कोशिश मत करना।’ इन दो लाइन को लिखकर बैंक के एक सीनियर लेखापाल की 17 वर्षीय बेटी हबीबगंज स्थित एसबीआई कॉलोनी से गायब है। हबीबगंज टीआई रविंद्र यादव ने बताया कि पुलिस अपहरण का मामला दर्ज कर उसकी तलाश में लगी है, लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
दो लाइन में लिखी घर छोडऩे की वजह
हबीबगंज पुलिस के एएसआई व जांच अधिकारी एसके मालवीय ने बताया कि घर से एक नोट मिला, इसमें छात्रा ने लिखा है कि वह अपनी मर्जी से घर छोड़कर जा रही है। छात्रा ने पिता द्वारा 9 वर्षीय छोटे भाई को ज्यादा प्यार करने की बात लिखी है। नोट को जब्त कर जांच की जा रही है। छात्रा द्वारा छोड़े गए नोट में कुछ ऐसी बातों का भी जिक्र किया गया है, जो पुलिस जांच में शामिल होने के कारण उसका खुलासा नहीं किया जा सकता है।
छात्रा के मन में छोटे भाई के लिए गुस्सा
छात्रा अपने मां-पिता और छोटे भाई (9) के साथ रहती है। उसके मन में छोटे भाई के लिए काफी गुस्सा है। लिखे नोट में उसने पिता पर आरोप लगाया है कि वह छोटी-छोटी गलतियों पर डांटते हैं, जबकि वह छोटे भाई को कुछ भी नहीं कहते हैं। छात्रा ने पिता के बारे में बेटे और बेटी में भेदभाव करने की बात भी लिखी है। छात्रा को लापता हुए 24 घंटे से ज्यादा का समय हो चुका है। फिलहाल छात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।
एक्सपर्ट व्यू: बच्चों का व्यवहार समझें अभिभावक
भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में मनोरोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. आरएन साहू का कहना है कि इस घटना में दोनों बच्चों में उम्र का काफी अतंर है। छात्रा का सोचने का नजरिया अलग है, जबकि उसके भाई की उम्र काफी कम है। ऐसे में अभिभावक को बच्चों से व्यवहार करते समय समझदारी दिखानी होगी। नकारात्मक बातों को गंभीरता से समझें। बच्चों को समझाएं, संभव हो तो उन्हें सोशल मीडिया से दूर रखें। बच्चों को अनुशासन, संस्कृति और परिवार के बारे में बताए। उनकी भावनाओं को समझें। माता पिता की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चों से एक सा व्यवहार करें। उनकी जरूरतों को समझें। इस केस में छात्रा को मानसिक परेशानी रही होगी, जिसे परिजन समझ नहीं पाए।
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