इसके अलावा उसके जीवन में परिवार व समाज से संबंधित अनेकों चुनौतियां होती हैं। स्वदेश दीपक द्वारा लिखित इस नाटक का निर्देशन सरफराज हसन ने किया। डेढ़ घंटे के इस नाटक में ऑनस्टेज 18 कलाकारों ने अभिनय किया है। ग्रुप ने इस नाटक का तीसरी बार मंचन किया। पहला शो 2015 में हुआ था।
नाटक की शुरुआत ‘मंजरी’ नाटक के अंतिम दृश्य से होती है, जब दर्शक मंच पर आकर कलाकारों को बधाई देते हैं। इसी समय आर्टिस्ट रजत का आना होता है, जो थिएटर जगत का बादशाह है। रजत के इस खूबसूरत जीवन को देख एक लड़की उसे दिल दे बैठती है।
वह रजत से प्यार का इजहार करती है और उनकी शादी हो जाती है। नाटक में मोड़ तब आता है, जब रजत का रुतबा थिएटर से कम होने लगता है। उसके इस बदले हुए जीवन से पत्नी परेशान हो जाती है और बेहतर जिंदगी के लिए अच्छी नौकरी तलाश करने को कहती है। तानों से तंग आकर वह भी संस्कृति विभाग में नौकरी करने का फैसला कर लेता है।
70 साल की उम्र में 10 नाटक लिखे रजत इंटरव्यू देने जाता है, लेकिन किसी की सिफारिश न होने कारण उसे परेशानियों से जूझना पड़ता है। वहीं इंटरव्यू में एक ऐसी लड़की आती है, जिसकी पहुंच शिक्षा मंत्री तक होती है। उसे इंटरव्यू में आसानी से सिलेक्ट कर लिया जाता है। नवीन तीनों जजों को जमकर पीटता है और सेट पर चले जाता है।
नाटक में एक अन्य मुख्य पात्र है नवीन वर्मा। नवीन लेखक है, जिन्होंने 70 साल की उम्र में 10 नाटक लिखे हैं, लेकिन किसी का भी मंचन नहीं हो सका। एक निर्देशक नवीन के नाटक को प्ले करने का फैसला लेता है। मंच पर कलाकार इसके लिए तैयार हो रहे होते हैं, यहीं काल कोठरी का अंत होता है।