डेढ़ से दो रुपए यूनिट…
इस बिजली को इन्हीं संस्थानों को सिर्फ डेढ़ से दो रुपए यूनिट तक में दी जाएगी। इससे बिल की राशि कम होगी तो बिजली ( electricity ) कटौती की समस्या दूर होगी।
सब कुछ ठीक रहा तो अगस्त में इसका काम शुरू हो जाएगा। जिसके बाद माना जा रहा है कि भरपूर बिजली मिलने से छात्र-छात्राओं को भी पढ़ाई करने में कठिनाई नहीं होगी।
इस नए सिस्टम के द्वारा अधिक खपत के चलते बिजली बकाया राशि भार के तले दबे शासकीय कॉलेज और आईटीआई को इससे बाहर निकालने की तैयारी शुरू हो गई है।
इन संस्थानों के भवन की छत पर शासन रेस्को (रेनेबल एनर्जी सर्विसेस कंपनी) योजना के तहत अक्षय ऊर्जा निगम के जरिए रजिस्ट्रेड कंपनी से रूप टॉप (सोलर संयंत्र) लगाएगा।
संस्थानों को नहीं देना होगा कोई पैसा…
इसमें संस्थानों को एक भी रुपया अपनी तरफ से नहीं देना पड़ेगा। सोलर सिस्टम धूप से डीसी बिजली बनाकर उसको इन्वर्टर में भेजकर एसी में कन्वर्ट करेगा। उसके बाद इस बिजली को कॉलेज और आईटीआई उपयोग में ले सकेंगे। खास बात की जिले में पहली बार यह प्रयोग होनेे जा रहा है।
ये होगा फायदा…
अपने ही संस्थान में बिजली बनने और सस्ते दाम में मिलने से कॉलेज, आईटीआई की बिजली के बढ़े हुए बिल व कटौती की समस्या पूरी तरह से दूर हो जाएगी। छात्र-छात्राओं को भी पर्याप्त बिजली मिलने से पढ़ाई करने में परेशानी नहीं होगी।
खास बात यह है कि दोनों ही संस्थान को यह बिजली सिर्फ डेढ़ या फिर दो रुपए यूनिट में बिजली मिलेगी। अभी की स्थिति में इससे तीन या फिर चार गुना यूनिट के हिसाब से राशि देना पड़ रही है। जिससे कई कॉलेज राशि समय पर नहीं जमा करा पा रहे हैं, उससे वह बिजली कंपनी के कर्जदार हो रहे हैं।
जिला अक्षय अधिकारी सादिक फारूकी ने बताया कि वैसे तो रेस्को के तहत जिले के सभी सरकारी और कुछ चिन्हित आईटीआई में यह सिस्टम लगेंगे। सीहोर शासकीय पीजी कॉलेज में 15 केवी किलोवॉट, गल्र्स कॉलेज में 10 केवी, आष्टा कॉलेज में 10 केवी, बुदनी कॉलेज में 15 केवी, इछावर कॉलेज में 10 केवी का सोलर संयत्र लगाया जाएगा। इसी तरह से नसरुल्लागंज, रेहटी, बकतरा के कॉलेज में भी सिस्टम लगेंगे। जबकि नसरुल्लागंज और बुदनी के शासकीय आईटीआई में 20 केवी के सिस्टम लगाने की योजना है।
जिले के सभी सरकारी कॉलेज और आईटीआई में पहली बार सोलर संयंत्र लगाने की योजना है। इसका काम जल्द ही शुरू होगा। संस्थान की छत पर ही सिस्टम से बिजली तैयार कर कम दाम में उपलब्ध कराई जाएगी।
– सादिक फारूखी, जिला अधिकारी अक्षय ऊर्जा विकास निगम