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खुले में पड़े पौने तीन लाख टन अनाज पर बारिश की मार

locationभोपालPublished: Jun 10, 2018 07:23:25 am

Submitted by:

dinesh Binole

खाद्य विभाग नहीं कर पाया परिवहन की व्यवस्था

खपा

अनाज

भोपाल. इस साल फिर सरकारी खरीद का हजारों क्विंटल अनाज बारिश की भेंट चढऩे जा रहा है। प्रदेश में मानसून पूर्व की बारिश शुरू हो चुकी है, खाद्य विभाग अब तक चना, मसूर, सरसों, गेहूं को सुरक्षित स्थान पर नहीं पहुंचा पाया है। विभाग को अनाज के परिवहन के लिए वाहन ही नहीं मिल रहे हैं। इस देरी की वजह से खुले में रखा 2 लाख टन चना, मसूर और सरसों और 76 हजार टन से ज्यादा गेहूं मानसून पूर्व की बारिश में भीग रहा है। सरकार ने सभी जिले के कलेक्टरों को पत्र लिखकर जल्द से जल्द परिवहन के लिए ट्रकों की व्यवस्था करने को कहा है।

 

सिर्फ सूखा और अच्छा चना ही लेंगे
मप्र वेयरहाउस कॉर्पोरेशन के प्रबंध संचालक राजीव दुबे ने कहा कि उसी चने का भंडारण किया जाएगा, जिसकी क्वालिटी अच्छी और सूखी है। अब सवाल यह है कि भीगे चने का भंडारण या नुकसान की भरपाई कौन करेगा। वहीं, जब तक भंडारण नहीं होगा, तब तक किसान को पैसा नहीं मिलेगा।

पैसा भी अटका
किसानों को भुगतान का इंतजार प्रदेश के करीब 44 हजार से अधिक किसानों को दस दिन बाद भी पैसा नहीं मिला है। इन किसानों को 43236.27 लाख का भुगतान समितियों के माध्यम से भुगतान करना है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति विंध्य क्षेत्र की है, यहां 15 हजार से ज्यादा किसान भुगतान के इंतजार में हैं।

 

इसलिए बनी ऐसी स्थिति
सरकार ने समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के बाद ट्रांसपोर्टरों को परिवहन का जिम्मा सौंपा था। बाद में किसान समृद्धि योजना में 20 लाख मीट्रिक टन चना, सरसों और मसूर भी खरीदी। ट्रांसपोर्टरों के पास इस
अतिरिक्त अनाज के लिए पर्याप्त ट्रक नहीं हैं। अब कलेक्टरों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है।

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