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जिगित्जा ने किया चलित अस्पतालों में भी फर्जीवाड़ा

locationभोपालPublished: Nov 13, 2018 01:07:02 am

Submitted by:

Ram kailash napit

कंपनी को जारी किया कारण बताओ नोटिस: एनएचएम की पड़ताल में हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा

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भोपाल. जननी एक्सप्रेस और 108 एंबुलेंस में फर्जीवाड़ा करने वाली जिगित्जा हेल्थकेयर का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। कंपनी ने ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले दीनदयाल चलित अस्पताल (एमएमयू, मेडिकल मोबाइल यूनिट) के संचालन में फर्जीवाड़ा किया है।

कंपनी बीते पांच महीने से इन अस्पताल को बिना डॉक्टरों के ही चला रही है। यही नहीं इसके एवज में जिकिज्ता हेल्थ केयर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) से प्रति चलित अस्पताल प्रतिमाह 1.90 रुपए भी वसूल रही है। यह खुलासा खुद एनएचएम द्वारा की गई पड़ताल में सामने आया है। इसके बाद एनएचएम ने जिकित्जा को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। यह पहला मौका नहीं है जब जिकित्जा ने प्रदेश में एंबुलेंस सेवा के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा किया है। यही नहीं राजस्थान में भी इसी तरह का घोटाला करने पर कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका है।

यह कहा गया है रिपोर्ट में
एनएचएम की रिपोर्ट के मुताबिक विभाग ने जिकित्जा हेल्थ केयर को अशोकनगर जिले में संचालित एमएमयू का हवाला देते हुए कहा है कि इस अस्पताल में 28 दिसंबर 2017 से 29 जुलाई 2018 के बीच पांच महीने तक कोई एमबीबीएस डॉक्टर नहीं था। जबकि ऑनलाइन रिपोर्टिंग और अन्य कागजों में डॉक्टर की उपस्थिति दिखाई गई।
हो सकता है करोड़ों का घोटाला
प्रदेश में 144 एमएमयू चल रही हैं। जानकारों के मुताबिक फिलहाल एक एमएमयू की गड़बड़ी सामने आई है जबकि अन्य की जांच चल रही है। एनएचएम एक एमएमयू के लिए जिकित्जा को प्रति माह 1.90 लाख रुपए देता है। सभी एमएमयू में इस तरह की गड़बड़ी पाई जाती है तो यह फर्जीवाड़ा करीब 14 करोड़ रुपए का हो सकता है।

ये है दीनदयाल चलित अस्पताल
ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए इसे तैयार किया गया है। इसमें चार लोगों का स्टाफ रहेगा। इसमें एक मेडिकल ऑफि सर, लैब टेक्नीशियन, स्टाफ नर्स एवं ड्राइवर मौजूद रहेंगे। वाहन में स्वास्थ्य सेवा के लिए दवाई गोली के साथ ऑक्सीजन की व्यवस्था भी रहेगी। मरीजों का रक् त व अन्य जांचे भी की जाएंगी।

अशोकनगर जिले में चल रहे चलित अस्पताल में गड़बड़ी की जानकारी मिली थी। हमने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
डॉ. ब्रजेश सक्सेना, मुख्य प्रशासकीय अधिकारी, एनएचएम

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