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बाघों की सुरक्षा के लिए बनेगी नई रेंज, अमला भी नियुक्त करेंगे

locationभोपालPublished: Dec 15, 2018 01:09:26 am

Submitted by:

Bharat pandey

मॉनीटरिंग: भोपाल, सीहोर और रायसेन के लगभग 200 वर्ग किमी के जंगल को मिलाकर बनेगी रेंज

tiger protection

New range for tiger protection

भोपाल। राजधानी के आसपास घूम रहे करीब 18 बाघों की सुरक्षा के लिए अलग रेंज बनाई जाएगी। इनकी निगरानी के लिए स्वतंत्र रेंजर और अमला भी तैनात होगा। वन एवं वन्य प्राणी प्रबंधन की 10 वर्षीय योजना की 10 दिसंबर को हुई बैठक में मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख ने इसकी मंजूरी दी। प्रस्तावित फॉरेस्ट रेंज भोपाल वन मंडल की दोनों रेंज समर्धा और बैरसिया के गांव कठौतिया, भानपुर, मेंडोरा, मेंडोरी, कलियासोत, नयापुरा, बालमपुर, अमौनी, कल्याणपुर, पड़रिया, सांकल पड़रिया, लहारपुर, अंधेरा, बांसिया, समरधा, प्रेमपुरा शामिल हैं।

इसके साथ ही सीहोर की वीरपुर रेंज और आसपास के गांव तो रायसेन के 12 गांवों को मिलाकर बनाई जाएगी। इसके पीछे अफसरों का तर्क है कि बाघ विचरण वाले जंगल के तीन अलग-अलग जिलों में होने से पर्याप्त मॉनीटरिंग नही हो पाती है। कई बार को-ऑर्डिनेशन की कमी के कारण गंभीर खामियां भी सामने आई हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि इसके लिए डेडिकेटेड अमला तैनात हो।

10 साल के लिए योजना की तैयार
राजधानी में वनों और वन्य प्राणियों की सुरक्षा के लिए विभाग ने दस वर्षीय योजना तैयार की है। वर्ष 2017-18 से लेकर 2026-27 तक के लिए तय की गई इस योजना को वन एवं वन्य प्राणी प्रबंधन नाम दिया गया है। इस योजना के तहत भोपाल वन मंडल के जंगल और वन वन्य जीवों की सुरक्षा एवं उनकी वृद्धि कैसे की जाए, इससे संबंधित योजनाएं शामिल की गई हैं।

18 बाघों की मौजूदगी
राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में 18 बाघ घूम रहे हैं। इनमें से कलियासोत केरवा में चार और कठौतिया के जंगलों में छह बाघों की उपस्थिति दर्ज की जा रही है।


वन बल प्रमुख ने दी सहमति
प्रस्तावित नई रेंज के निर्माण और इसमें रेंजर की तैनाती के लिए पीसीसीएफ वन एवं वन बल प्रमुख ने सहमति प्रदान कर दी है। शासन से अनुमति मिलते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

मॉनीटरिंग के लिए तैनात होगा अमला
बाघों की सुरक्षा के लिए सीहोर, रायसेन और भोपाल के 200 वर्ग किमी जंगल की रेंज तैयार की जा रही है। बाघों की मॉनीटरिंग के लिए रेंजर और अलग से वन अमला भी तैनात होगा।
– एसपी तिवारी, सीसीएफ, भोपाल वन मंडल
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