योजना के तहत सालभर में 100 दिन का रोजगार और उसके बदले में चार हजार रुपए मासिक स्टाइपेंड दिया जाएगा। इसमें 21 से 30 वर्ष उम्र के युवा आवेदन कर सकते हैं। सरकार का दावा है कि युवाओं को उनकी पसंद की ट्रेड में ट्रेनिंग दी जाएगी। निजी कंपनियों को बुलाकर रोजगार दिलाया जाएगा।
रोजगार ट्रेड में इलेक्ट्रिशियन, एकाउंट असिस्टेंट, मोबाइल रिपेयरिंग, ड्राइवर, फोटोग्राफर जैसे कार्यों के साथ ही पशु हांकने के काम को भी शामिल किया गया है। प्रशासन का दावा है कि पशु हांकने का काम नगरीय निकायों में कांजी हाउस में होता है।
सिर्फ उच्च शिक्षितों को रोजगार दिलाना ही सरकार का काम नहीं, हमारी चिंता अल्प शिक्षित युवाओं का भविष्य बनाना भी है। शहरों में आवरा मवेशी बड़ी समस्या है और उन्हें गोशाला तक सुरक्षित पहुंचाना व देखभाल करना भी एक काम है। अल्प शिक्षित युवा ये काम कर सकते हैं।
– जयवर्धन सिंह, मंत्री, नगरीय प्रशासन
कमलनाथ सरकार युवा स्वाभिमान के नाम पर प्रदेश के युवाओं से मजाक कर रही है। वह पशु चराने को भी कौशल विकास की श्रेणी में रखकर युवाओं को कौन सा रोजगार देना चाहती है। सरकार योजनाओं का इस तरह मजाक बनाकर अपने बेहतर कौशल को बता रही है।
– गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष
बेरोजगारी का ये हाल
बेरोजगारी की स्थिति ये है कि सैकड़ों युवाओं ने पशु हांकने की ट्रेनिंग लेने में भी रुचि दिखाई है। पोर्टल के अनुसार भोपाल और इंदौर नगर निगम में इसके 42-42 पद खाली हैं, इसके लिए भोपाल में 10 और इंदौर में तीन युवाओं ने आवेदन किए हैं। दूसरे नगरीय निकायों में भी युवाओं ने इसमें रुचि दिखाई है।