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राजधानी की पुलिस इंदौर बस हादसे के बाद जागी, एडवाइजरी जारी कर कहा इन पर होगी कार्रवाई

locationभोपालPublished: Jan 06, 2018 03:23:27 pm

एडवाइजरी का पालन ना करने वाले बस चालकों पर कारवाई होगी। यहां इसके लिए स्कूल प्रबंधन की भी जिम्मेदारी तय की गई है।

school bus accident
भोपाल। इंदौर में शुक्रवार को हुए स्कूल बस हादसे के बाद अब भोपाल पुलिस भी अचानक जाग गई है। जिसके चलते भोपाल पुलिस ने एडवाइजरी जारी कर दी है। जानकारी के अनुसार एडवाइजरी का पालन ना करने वाले बस चालकों पर कारवाई होगी।
यहां इसके लिए स्कूल प्रबंधन की भी जिम्मेदारी तय की गई है। एडवाइजरी में कहा गया है कि इस तरह बार-बार लापरवाही पाए जाने पर क्रिमनल केस दर्ज किया जाएगा। साथ ही पुलिस स्कूल बसों का औचक निरीक्षण भी करेगी। राज्य में दो साल में दर्जन भर बैठकें और हिदायतें देने के बाद भी हालात जस के तस हैं। अब तक शहर के स्कूल-कॉलेजों में खटारा बसें दौड़ रही हैं।
वैन भी एलपीजी से चल रहे हैं। लेकिन महीनों से इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। कार्रवाई हादसों के बाद की जाती है। निर्देश जारी किए जाते है, लेकिन उन्हें कोई फॉलो नहीं करता।
स्कूल के संबंध में जारी किए ये दिशा-निर्देश:
1. बस में बच्चों की संख्या ज्यादा तो नहीं
2. बच्चों को बस में से सही तरीके से उतारना-चढ़ाना
3. बस में जीपीएस लगा हैं कि नहीं
4. सीसीटीवी लगे हैं या नहीं
5. बच्चों को ले जाने पर चालक की स्पीड
6. पालकों से बस संचालक के बारे में चर्चा
7. पालकों द्वारा शिकायत करने पर समाधान
8. चालक के पास अनुभव है कि नहीं
9. चालक का नाम, पता, मोबाइल, लाइसेंस, जैसी पूरी डिलेल्स होना जरुरी।
10. बस चलाते समय किसी चीज का नशा तो नहीं करता।
11. बसों के नंबर, उनकी फिटनेस, जीपीएस, उनके रूट, बस के ड्रायवर-कंडक्टर की जानकारी।
12. बस में एक महिला अटेंडर उपलब्ध कराने की
13. घर तक बच्चा सकुशल पहुंच जाए इसकी ट्रेकिंग हो।
Supreme Court द्वारा स्कूल/ कॉलेज बसों के संबंध में दिशा-निर्देश :
– कोर्ट के अनुसार बस के आगे व पीछे स्कूल बस लिखा होना अनिवार्य है।
– इसके साथ ही बस पर स्कूल ड्यूटी भी लिखा होना चाहिए।
– वाहन चालक को कम से कम पांच साल का अनुभव होना चाहिए।
– अनिवार्यता के अंतर्गत बस के अंदर फर्स्ट एड बॉक्स होना ज़रूरी है।
– इसके साथ ही खिड़की में शीशे के साथ ग्रिल भी होनी चाहिए।
– कोर्ट ने बसों के अंदर आग बुझाने का इंतजाम होने के भी निर्देश दिए हैं।
– इसके अलावा बस में स्कूल का एक सहायक भी होना चाहिए।
– स्कूल बस पर स्कूल का नाम, उसका फोन नंबर लिखा होना अनिवार्य है।
– स्कूल बसों और लोकपरिवहन यानों की अनिवार्यता।
– इसके अलावा बस के दरवाज़े में मजबूत लॉक लगे होने चाहिए।
गौरतलब है कि हर हादसे के बाद ही क्यों प्रशासन की नींद खुलती है। स्कूल-कॉलेजों की बसों की सुरक्षा को लेकर तो पहले से ही स्कूल, बस चालकों और बसों के संबंध में दिशा निर्देश सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित है।
फिर ऐसे में बार-बार प्रशासन लापरवाही क्यो बरतता है।प्रदेश में इस तरह के हादसे कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते है। क्या प्रदेश में अब बच्चे भी सुरक्षित नहीं।

वहीं,इन्दौर DPS स्कूल बस दुर्घटना पर सरकार हुई सख्त :
इन्दौर मे बीते दिन 5 जनवरी शुक्रवार को डीपीएस स्कूल की बस और ट्रक मे हुई दुर्घटना के लिए सरकार ने स्कूल प्रबंधन को जिम्मेदार माना।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर गृहमंत्री की 24 घंटे की जांच रिपोर्ट मे आये तथ्यों पर स्पष्ट तौर पर डीपीएस स्कूल प्रबंधन की लापरवाही हुई है।
बस की स्पीड 80 किलोमीटर प्रति घंटा थी इसके लिए स्पीड गवर्नर कंपनी को भी कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
गृहमंत्री की ओर डीआईजी इन्दौर को तत्काल कार्यवाही करने के आदेश दिए गए हैं। स्कूल प्रबंधन और स्पीड गवर्नर कंपनी के विरुद्ध तत्काल FIR दर्ज कर गिरफ्तारी के निर्देश दिये गये है।

इधर, ट्रैफिक पुलिस मामले में कांग्रेस नेता कृष्णा घाडगे पर एफआईआर दर्ज :
राजधानी भोपाल में कांग्रेस और ट्रैफिक एसआई के बीच विवाद अब तूल पकड़ता जा रहा है। कांग्रेस नेता कृष्णा घाडगे पर शासकीय कार्य में बाधा और गाली-गलौच और धमकी देने के मामले में केस दर्ज किया गया है।बता दे कि घटना के बाद दोनों की झड़प का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।जिसके बाद से ही मामले की जांच की जा रही थी।
दरअसल, गुरुवार को भी भोपाल पुलिस मुख्यालय के पास ट्रैफिक पुलिस का चेकिंग प्वाइंट पर तैनात पुलिसकर्मी आते-जाते बिना हेलमेट के चालकों पर कार्रवाई कर रहे थे।इसी बीच पुलिस ने कांग्रेस नेता कृष्णा घाड़गे को हैलमेट ना पहनने पर रोक लिया।
जब कृष्णा वहां से निकलने की कोशिश करने लगा, तो एएसआई दयालु कृष्णा की मोपेड पर पीछे से बैठ गए और चालानी कार्रवाई करने लगे। बस इसी बात को लेकर विवाद शुरू हो गया। कांग्रेस नेता ने पुलिस पर आरोप लगाए है कि उन्होंने उसके साथ मारपीट और गाली-गलौच की है।
वहीं पुलिस ने भी कांग्रेस नेता पर गंभीर आरोप लगाए है। दोनों के विवाद का वीडियो किसी ने बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। पुलिस अब इस वीडियो फुटेज के आधार पर पूरे मामले की जांच की बात कर रही थी। वीडियो में यह भी साफ नजर आ रहा है कि कौन किसके साथ मारपीट कर रहा है। हालांकि वीडियो में साफ दिख रहा था कि कांग्रेस नेता किस तरह से पुलिसकर्मी पर गुस्सा दिखा रहे है और गाली-गलौच कर रहे है। कांग्रेस नेता इस वीडियो में पुलिसकर्मी को सस्पेंड कराने की धमकी देते हुए दिखाई दिए।
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