सुविधाएं उपलब्ध कराएई जाएंगी
प्रदेश में करीब 23113 पंचायतें हैं। 7000 पंचायतों के पास खुद का भवन नहीं है। इन पंचायतों को भवन बनाने के साथ ही जनपद पंचायतों के समान सुविधाएं उपलब्ध कराएई जाएंगी। पंचों को बैठक करने, सरपंच और सचिव के बैठने तक के लिए कक्ष होगा। इनमें बिजली, पानी, कंप्यूटर, इंटरनेट और वीडियो कॉफ्रेंसिंग की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए 200 करोड़ रुपए से अधिक का बजट रखा गया है।
अनुमतियां दी जाएंगी
ग्राम विकास की योजना भी पंचायतों के माध्यम से जिला सरकार के पास भेजी जाएगी। उन्हीं योजनाओं को पंचायतों में लागू किया जाएगा, जिसे ग्राम सभाएं अपनी मंजूरी देंगी पंचायत भवन में नगर परिषद और नगर पालिका की तर्ज पर काम होगा, यहां से जन्म-मृत्यु पंजीयन, राशन कार्ड, आधार कार्ड बनाने के अलावा नक्शा पास करने के साथ ही भवन बनाने की अनुमति सहित तमाम तरह की अनुमतियां दी जाएंगी।
पांच पिछड़े जिले
बुरहानपुर, भोपाल, दतिया, श्योपुर और हरदा।
पांच अगड़े जिले
रीवा, छतरपुर, धार, बालाघाट और सागर।
हजारों पंचायतों में बिजली कनेक्शन नहीं
प्रदेश में आधे से अधिक पंचायत भवनों बिजली के कनेक्शन ही नहीं हैं। इन पंचायतों को बिजली के कनेक्शन लेनेे के लिए कहा गया है। विभाग ने पंचायतों से कहा है कि उन्हें विभिन्न योजनाओं के तहत राशि दी गई है, पंचायतें इस राशि को अपने स्थापना जैसे बिजली, पानी के बिलों के खर्च के उपयोग में ले सकते हैं।
पंचायतों कामकाज होगा ऑनलाइन
इसके साथ ही इस राशि से पंचायत भवनों में नल और बिजली का कनेेक्शन भी करा सकते हैं। विभाग ने निर्देश दिए हैं कि बिजली और इंटरनेट कनेक्शन अवश्य कराए, जिससे पंचायतों का सारा कामकाज ऑनलाइन किया जा सकें।