जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार आने वाले दिनों में आपके प्रॉविडेंट फंड (PF) पर बड़ा झटका लग सकता है। इस बात के सामने आते ही मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों में नौकरीपेशा चिंता में आ गए हैं।
दरअसल हर नौकरीपेशा शख्स के लिए प्रॉविडेंट फंड (PF) की रकम सबसे अहम होती है। इस रकम के जरिए नौकरीपेशा शख्स अपने भविष्य को सुरक्षित रख सकता है, लेकिन जो सूचना सामने आ रही है उसके अनुसार आने वाले दिन इस फंड के लिए परेशानी वाले हो सकते हैं।
बताया जाता है कि वित्त मंत्रालय ( Modi government ) ने इम्प्लॉई प्रॉविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन (EPFO) को पीएफ की ब्याज दर को सालाना 8.65 फीसदी से कम करने के लिए कहा है, जानकारों के अनुसार अगर ऐसा होता है तो करीब 8 करोड़ से अधिक लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक पीएफ पर अधिक रिटर्न देने पर वित्त मंत्रालय ( Modi government ) को इस बात की चिंता है कि ऐसे में बैंकों के लिए आकर्षक ब्याज दरें देना संभव नहीं होगा, जिसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
रिपोर्ट के मुताबिक वित्त मंत्री ( Modi government ) निर्मला सीतारमण के अप्रूवल के बाद श्रम मंत्रालय को सौंपे गए मेमोरेंडम में लिखा, ‘IL&FS में निवेश के चलते फंड को नुकसान हुआ होगा। ऐसे में श्रम मंत्रालय को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए ब्याज दर पर फिर से विचार करने की सलाह दी जाती है।’
जानें अभी बैंकों की दर…
वहीं वर्तमान में महंगाई दर 3 फीसदी के करीब है और बैंकों में बचत खाता में जो ब्याज मिलता है वो 4 से लेकर 6 फीसदी के बीच है। हालांकि फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी- fix deposit) में बैंक 6-8 फीसदी का ब्याज देते हैं।
ज्ञात हो कि श्रम मंत्रालय के अधीन आने वाले ईपीएफओ ने बीते मार्च, 2019 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए 8.65 फीसदी ब्याज दर का ऐलान किया था। इससे पहले पीएफ पर 8.55 फीसदी का ब्याज दर मिलता था, हालांकि सरकार ( Modi government ) को फंड के खराब प्रदर्शन को देखते हुए यह ब्याज दर सही नहीं लग रही है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि ईपीएफओ अपने फंड का 85 फीसदी से भी ज्यादा हिस्सा केंद्र और राज्यों की सिक्योरिटीज और ऊंची रेटिंग वाले कॉरपोरेट बॉन्ड्स में निवेश करता है।
वहीं करीब 190 अरब डॉलर की एसेट संभालने वाले ईपीएफओ ( EPFO ) ने तकरीबन 8.31 करोड़ डॉलर (5.75 अरब रुपए) मुश्किलों से जूझ रही IL&FS के बॉन्ड्स में निवेश किए थे।
मोदी सरकार 2.0 का: 5 जुलाई को बजट ( union budget 2019 ) …
वहीं दूसरी ओर ये भी चर्चा है कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सरकार नौकरीपेशा को बड़ी खुशखबरी देने जा रही है। 5 जुलाई को आने वाले बजट union budget 2019 में नौकरीपेशा के लिए बड़ा ऐलान होने की संभावना है। सूत्रों के मुताबिक, इनकम टैक्स छूट का दायरा बढ़ाया जा सकता है।
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इनकम टैक्स छूट सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जा सकता है। पिछले वित्त वर्ष तक इनकम टैक्स छूट सीमा 2.5 लाख रुपए थी। चुनाव से पहले पेश किए गए बजट में सरकार ने टैक्सपेयर्स को थोड़ी और राहत देते हुए इनकम टैक्स रिबेट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने का एलान किया था।
ये है नया प्लान
सूत्रों के अनुसार अब इनकम टैक्स छूट सीमा को सीधे 5 लाख करने की तैयारी है। मतलब यह कि इस बार बजट में इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है। हालांकि, पिछले बजट में भी 5 लाख की आय को कर मुक्त किया गया था। लेकिन, वह रिबेट के साथ छूट दी गई थी। अब सीधे 5 लाख तक इनकम टैक्स छूट देने पर विचार चल रहा है, अगर ऐसा हुआ तो टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिल सकती है।
ये मिला था तोहफा…
लोकसभा चुनाव से पहले पेश किए गए अंतरिम बजट में 5 लाख रुपए तक की आमदनी वालों को अब कर देने की जरूरत नहीं होगी। ऐसे लोग जिनकी सालाना आय 6.5 लाख रुपए तक है और उन्होंने जीवन बीमा, पांच साल की सावधि जमा तथा अन्य कर बचत वाली योजनाओं में निवेश किया है तो उन्हें भी अपनी पूरी आय पर छूट मिल सकती है।