वहीं मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट 5 जुलाई को पेश होने वाला है। इस बजट को लेकर आम जनता में कुछ ज्यादा ही उत्साह है, दरअसल पूर्व में किए गए वादों के अलावा लोगों को सरकार वापसी से और भी बहुत कुछ खास मिलने की उम्मीद है।
इस बजट को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद के पटल पर रखेंगी। वहीं ये भी माना जा रहा है कि यदि सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में मोदी सरकार देश के केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दे सकती है।
इसके तहत बजट में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग की कुछ सिफारिशों पर विचार किया जा सकता है।
ऐसे बनी संभावना
दरअसल सामने आ रहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बजट से ठीक पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों और कर्मचारियों की बकाया मांगों के बारे में जानकारी दी गई है।
ऐसे में इस बात की संभावना व्यक्त की जा रही है कि वित्त मंत्री बजट में केंद्रीय कर्मचारियों के लिए कुछ बड़े ऐलान कर सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो इसका लाभ 50 लाख के करीब केंद्रीय कर्मचारियों को सीधे मिलने की उम्मीद है।
ज्ञात हो कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिश के बाद साल 2016 में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन बढ़ाकर 18 हजार रुपए कर दिया था, लेकिन केंद्रीय कर्मी इसे 26,000 रुपये किए जाने की मांग कर रहे हैं।
दरअलस केंद्रीय कर्मचारियों की यह मांग काफी लंबे समय से चली आ रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार इसे नजरंदाज नहीं करते हुए, इस विषय पर कुछ न कुछ कार्यवाही जरूर करेगी।
सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनावों से पहले भी सरकार इस मसले पर केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से सलाह-मशविरा कर रही थी, लेकिन चुनावों की घोषणा के बाद आदर्श आचार संहिता लागू होने से यह उस समय ठंडे बस्ते में चला गया था।
मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल के आखिरी महीनों में कर्मचारियों और पेंशनधारकों को मिलने वाला महंगाई भत्ता 12 फीसदी कर दिया था, जबकि इससे पहले महंगाई भत्ता 9 फीसदी मिलता था।
इस हिसाब से उस समय 3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। जबकि उस दौरान सरकार ने बताया था कि इस फैसले से देश के खजाने पर 9168.12 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा। सरकार के इस फैसले का लाभ 48.41 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 62.03 लाख पेंशनधारकों को मिल रहा है।