उमस और गर्मी से मिला छुटकारा
बारिश का सीज़न होने के बावजूद पिछले 12 दिनों से शहर समेत आसपास के इलाकों में तेज़़ गर्मी और उमस का सिलसिला बना हुआ था। इसी को देखते हुए भोपाल शहर क़ाजी साहब ने लोगों से बारिश की आमद के लिए इस खास नमाज़ को पढ़ने का फैसला लिया और लोगों को इस नमाज़ के ज़रिये अल्लाह से खैर की बारिश मांगने की अपील की। हालांकि, शहर काज़ी की तरफ से तय किये गए वक्त से पहले ही लोगों का हुजूम सेंट्रल लाइब्रेरी मैदान में पहुंच गया है। एक तरफ जहां शहर काज़ी साहब ने नमाज़-ए इस्तिस्खा की नियत की वहीं, दूसरी तरफ आसमान में बादलों की चहलकदमी शुरु हो गई। हैरानी की बात ये है कि पहली रकअत पूरी होते तक बादलों ने सूरज पर फतह हासिल कर ली थी। दूसरी और आखरी रकअत खत्म होने तक हवाओं में नमी के साथ बिजली की कड़कड़ाहट शुरु हो गई थी। नमाज़ पूरी होने के बाद दुआए खास शुरु की गई। इस दुआ में अल्लाह से हाथ उठाकर रहमत की बारिश मांगी जाती है। उस नमाज़ का गवाह हर वो शख्स उस समय हैरान रह गया जब दुआ के लिए हाथ उठाते ही बारिश की बूंदे अल्लाह के सामने फैले हुए हाथों पर गिरने लगीं।
इन चीजों का सेवन तेज़ी से बढ़ाता है प्लेटलेट्स, जानिए 5 फायदे
[typography_font:14pt;” >सोशल मीडिया पर कहा जा रहा चमत्कार
बात सुन्ने या पढ़ने में भले ही फिल्मी लग रही हो, लेकिन शुक्रवार को शहर के बाशिंदों ने खुली आंखों से ये खास नज़ारा देखा चारों कई लोग इसका वीडियों भी बनाते नज़र आए जो इस समय सोशल मीडिया पर भी काफी तेज़ी से वायरल हो रहे हैं। शहर क़ाज़ी मोलवी मुश्ताख साहब ने इस नमाज़ के लिए लोगों से बुधवार को अपील की थी। शहर के बाकी उलेमाओं ने भी इसपर सहमति ज़ाहिर की थी।
क्या होती है नमाज़ ए इस्तिस्खा, क्यों पढ़ी जाती है ये नमाज़
बारिश को नयामत कहा जाता है। इसी की वजह से हमारी ज़मीन का जलस्तर बढ़ता है, जो हमारे पीने के साथ साथ दीगर इस्तेमाल में आता है। पानी से पेड़ पौधे हैं, जिनसे हमें सांस लेने योग्य ऑक्सीजन मिलती है। इससे मालूम होता है कि, पानी के बिना इंसानी जीवन ही संभव नहीं है। इन गंभीर समस्या से निजात पाने के लिए कुरआन के मुताबिक, अल्लाह कहता है कि, तुम इस नमाज़ के ज़रिये मांगो, जरूर पूरी की जाएगी।
देखें खबर से संबंधित वीडियो…