केंद्रीय राज्यमंत्री पचमढ़ी आए थे। उन्होंने झरने देखे और पार्क के कोर क्षेत्र की सैर भी की। दुबे का आरोप है कि पार्क बंद होने के बावजूद राज्यमंत्री को न सिर्फ सैर कराई गई, बल्कि उन्हें वीवीआइपी ट्रीटमेंट भी दिया गया। पार्क के कर्मचारी उन्हें साथ लेकर जंगल में गए। वे कहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वीवीआइपी संस्कृति के खिलाफ हैं। उन्होंने कूनो नेशनल पार्क में चीतों को छोडऩे समय इसका उल्लेख किया था। दुबे ने बताया कि वर्षाकाल वन्यप्राणियों का वंशवृद्धि का समय होता है। इसलिए पार्क बंद रखे जाते हैं। उसमें भी कोर क्षेत्र में पूरी तरह से आवाजाही बंद रखी जाती है। हर साल एक अक्टूबर को पार्क खुलते हैं। इसके बाद ही कोर क्षेत्र में जाया जा सकता है। दुबे ने एनटीसीए के आइजी और मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक से इस संबंध में कार्रवाई की मांग की है।
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अजय दुबे की शिकायत मिली है। हमने पार्क प्रबंधन से वस्तुस्थिति स्पष्ट करने को कहा है।
जेएस चौहान, मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक