दरअसल, साध्वी प्रज्ञा ने सोमवार को एक ट्वीट की। उन्होंने लिखा कि चुनावी प्रक्रियाओं के उपरांत अब समय है चिंतन मनन का। इस दौरान मेरे शब्दों से समस्त देशभक्तों को यदि ठेस पहुंची है तो मैं क्षमा प्रार्थी हूं और सार्वजनिक जीवन की मर्यादा के अंतर्गत प्रयश्चित हेतु 21 प्रहर के मौन व कठोर तपस्यारत हो रही हूं। हरिः ॐ
इस ट्वीट के बाद साध्वी पर विरोधियों ने तंज कसना शुरू कर दिया है। एमपी सरकार के मंत्री जीतू पटवारी ने ट्विटर पर लिखा कि 21 प्रहर का “मौन” और “कठोर तपस्या”! सौ चूहें खाकर “बिल्ली” “हज” को चली।
गौरतलब है कि चुनाव प्रचार के दौरान साध्वी प्रज्ञा बयानों को लेकर सुर्खियों में रही हैं। उनके बयानों ने कई बार पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी। प्रचार के दौरान साध्वी ने दिग्विजय सिंह को आतंकी कह दिया था। उन्होंने कहा था कि एक आंतकी के लिए फिर से एक बार संन्यासी मैदान में है।
वहीं, उन्होंने बाबरी मस्जिद को लेकर भी विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मुझे गर्व है कि मैंने मस्जिद गिराया है। इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने उनके तीन दिन के प्रचार में बैन भी लगा दिया था।
गोडसे को कहा था देशभक्त
अभिनेता से नेता बने कमल हासन के बयान पर प्रक्रिया देते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा- नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे। नाथूराम गोडसे को आंतकवादी कहने वाले लोग अपने गिरेबान में झांके। ऐसे लोगों को इन चुनावों में जबाव दिया जाएगा।
अभिनेता से नेता बने कमल हासन के बयान पर प्रक्रिया देते हुए साध्वी प्रज्ञा ने कहा- नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, देशभक्त हैं और देशभक्त रहेंगे। नाथूराम गोडसे को आंतकवादी कहने वाले लोग अपने गिरेबान में झांके। ऐसे लोगों को इन चुनावों में जबाव दिया जाएगा।