पूर्णकालिक बजट को लेकर मध्यप्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में लोगों को सरकार से कई आशाएं बंधी हुईं हैं। ऐसे में जानकारों का मानना है कि दूसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में सरकार मिडिल क्लास को ध्यान में रखते हुए कई राहत दे सकती है।
लोगों की आशा इस बजट से इसलिए भी कुछ ज्यादा जुड़ी हुई हैं क्योंकि इससे पहले लोकसभा चुनावों के पूर्व अंतरिम बजट पेश करने के बाद तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि यह तो ट्रेलर हैं, जब पूर्ण बजट जुलाई में पेश होगा, तो उसमें मिडिल क्लास और नए मिडिल क्लास का ख्याल रखा जाएगा।
ऐसे में अब पुन: सरकार के आने से इस वादे को निभाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय ने पूर्ण बजट को लेकर इंडस्ट्री और इकॉनमिस्ट के साथ राय-मश्विरा करना शुरू कर दिया है।
इनकम टैक्स कानून में बदलाव!
सूत्रों के अनुसार अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर इनकम टैक्स छूट दी गई थी। इसे बरकरार रखा जा सकता है। इसके अलावा, पूर्ण बजट में मिडिल क्लास के लिए इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है।
वहीं जानकारों की मानें तो इनकम टैक्स निवेश छूट सीमा 1.50 लाख रुपये से बढाई जा सकती है। 50 सालों से चले आ रहे इनकम टैक्स कानून में बदलाव किया जा सकता है। सरकार ने इसके लिए अलग से टास्क फोर्स बनाया है। यह टास्क फोर्स 31 मई को अपनी रिपोर्ट दे सकती है। इसकी सिफारिशों को बजट में लागू किया जा सकता है।
केवाईसी के लिए भी आधार!
माना जा रहा है कि अब आधार को केवाईसी के लिए लागू किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आधार का प्रयोग, बैंक खाते और मोबाइल सिम समेत कई वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए लेने के लिए अनिवार्य नहीं रह गया था।
इसके बाद सरकार एक विधेयक लेकर के आई थी। इसमें आधार का प्रयोग केवाईसी के लिए करने का प्रावधान है। फिलहाल विधेयक लोकसभा में पास हो गया है और राज्यसभा में लंबित है।
पेंशन योजना से लेकर के होमलोन सब्सिडी तक!…
इसके अलावा, सीनियर सिटिजन के लिए शुरू की गई पेंशन योजना की समय-सीमा को 2020 से बढ़ाकर 2024 तक किया जा सकता है। इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिक 15 लाख रुपए तक का निवेश कर सकते हैं।
वहीं पीएम आवास योजना के तहत होमलोन पर मिलने वाली सब्सिडी योजना को भी अगले पांच सालों के लिए बढ़ाया जा सकता है। गौरतलब है कि एक फरवरी को पेश अंतरिम बजट में पांच लाख तक की आमदनी पर इनकम टैक्स छूट दी गई थी। स्टैंडर्ड डिडक्शन को 40 हजार से बढ़ाकर के 50 हजार कर दिया गया था।
जानकारों की मानें तो कुल मिलाकर सरकार इस पूर्णकालिक बजट में आम लोगों को काफी कुछ दे सकती है। इसके साथ ही अपने पूराने वादों को भी इस बजट में निभा सकती है।