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तीन में से एक सदस्य शामिल ही नहीं हुआ तब कैसे चुन लिया लोकपाल: यूसी जैन

locationभोपालPublished: Jul 31, 2018 07:05:00 am

Submitted by:

Pushpam Kumar

अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विवि के लोकपाल की नियुक्ति पर विवाद

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तीन में से एक सदस्य शामिल ही नहीं हुआ तब कैसे चुन लिया लोकपाल: यूसी जैन

भोपाल. अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विवि में लोकपाल की नियुक्ति विवादों में आ गई है। लोकपाल चयन के लिए शासन द्वारा बनाए गए तीन सदस्यीय पैनल में शामिल रहे सेवानिवृत्त अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा यूसी जैन ने लोकपाल के चयन और इसकी प्रक्रिया दोनों पर सवाल उठाए हैं।
जैन का कहना है कि साक्षात्कार में उन्हें शामिल ही नहीं किया गया, तब लोकपाल का चयन कैसे हो गया। हालांकि इस संबंध में विवि प्रबंधन का तर्क है कि उन्हें पैनल में से किसी एक सदस्य का चयन करना था तो कर लिया। साक्षात्कार जैसी बात नहीं है। हिंदी विवि में सेवानिवृत्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विमल कुमार जैन को लोकपाल नियुक्त किया गया है।
यूसी जैन के अनुसार शासन ने उनसे लोकपाल बनने के लिए सहमति मांगी थी, जिस पर उन्होंने 100 प्रतिशत सहमति दी थी। इसके बाद तीन सदस्यीय पैनल में उनका नाम शामिल किया गया। विवि प्रबंधन ने 25 जुलाई को उन्हें सूचित किया कि 26 जुलाई को साक्षात्कार के लिए उन्हें कुलसचिव कार्यालय में आना है, लेकिन शहर से बाहर होने के कारण उन्होंने 26 को आने में असहमति जताई। इस पर विवि प्रबंधन ने आराम से समय निकालकर आने की बात कही। विवि द्वारा भेजे गए पत्र में भी साक्षात्कार लेकर एक माह का समय चयन के लिए दिया गया है। लेकिन जब तक वे विश्वविद्यालय पहुंचते इसके पहले ही विवि ने सेवानिवृत्त जज विमल कुमार जैन का चयन कर लिया।
प्रक्रिया पर उठाए सवाल
जैन ने लोकपाल चयन की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जिस लोकपाल को विवि में नियुक्ति के पश्चात कुलपति और कुलसचिव को निर्देशित करना है उसका चयन और साक्षात्कार ही वे लोग कर रहे हैं। ऐसे में लोकपाल की नियुक्ति प्रक्रिया अपने आप सवालों में घिर जाती है।
जैन ने सुझाव दिया कि शासन को स्वयं चाहिए कि वे किसी एक व्यक्ति को लोकपाल नियुक्त करे। हालांकि इस संबंध में विवि के कुलपति डॉ. आरडी भारद्वाज का कहना है कि लोकपाल चयन में साक्षात्कार जैसी बात नहीं है। शासन द्वारा दिए गए तीन सदस्यीय पैनल में से किसी एक का चयन करना है। केवल चर्चा की बात है। इस संबंध में यूसी जैन से भी चर्चा की थी।

बीयू उत्तर-पुस्तिका मामले की जांच लोकपाल को सौपें
भोपाल. उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल की उत्तर पुस्तिका मामले की जांच तत्काल विश्वविद्यालय के लोकपाल को सौंपने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने बीयू में उत्तर पुस्तिका घोटाले का समाचार संज्ञान में आने के बाद सोमवार को उच्च अधिकारियों की बैठक बुलाई। उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव बी.आर. नायडू को निर्देश दिए कि मंगलवार को पूरे मामले की जांच विश्वविद्यालय के लोकपाल को सौंप दी जाय और दो सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा जाय।

 

दो नए निजी विश्वविद्यालय का आर्डिनेंस पास
निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग की 133वीं सभा का आयोजन सोमवार को आयोग के कार्यालय में किया गया। इसमें प्रदेश में खुलने जा रहे दो नए विश्वविद्यालयों के आर्डिनेंस को हरी झंडी दे दी गई। इनके साथ ही विभिन्न महाविद्यालयों में पाठ्यक्रमों की संख्या बढ़ाने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।

आयोग के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश पाण्डेय के अनुसार खंडवा व बालाघाट में नए निजी विवि की स्थापना की जानी है। सभी सदस्यों की सहमति से दोनों विवि के आर्डिंनेंस पास कर दिए गए। भाभा कॉलेज समेत अन्य महाविद्यालयों में कोर्स बढ़ाने की अनुमति दी गई। बैठक में तकनीकी शिक्षा विभाग के ओएसडी सुबोध पाण्डेय, पूर्व डीजीपी स्वराज पुरी, एक्सीलेंस कॉलेज के मुकेश जैन आदि उपस्थित रहे।

 

 

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