संभागायुक्त ने प्राचार्यों से कहा कि एनसीआरटीई की बुक्स अच्छी हंै, यदि हम इन किताबों से नहीं पढ़ते तो आईएएस की परीक्षा नहीं निकाल पाते। एनसीआरटीई की किताबों से पढ़ाने का नियम है, फिर इन्हें लागू करने में क्या दिक्कत है? एक प्रतिनिधि ने कहा कि हम एनसीईआरटी की किताबें मंगवाते हैं, अभिभावक दूसरी किताबें खरीद लाते हैं। इस पर पालक महासंघ के सदस्यों ने हैरत जताई।?
निजी स्कूलों की जांच करने के लिए कमेटी बनने के बावजूद निरीक्षण शुरू नहीं होने का मुद्दा बैठक में उठा। संयुक्त संचालक राजीव तोमर बोले कि निरीक्षण की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि किन स्कूलों का निरीक्षण हुआ और क्या रिजल्ट रहा, इस पर कुछ नहीं कहा। सहोदय प्रतिनिधि डॉ. राजेश शर्मा ने प्रस्ताव रखा कि जो भी स्कूल कुछ गलत करते हैं, उनको नोटिस दिया जाए और संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो जांच कराई जाए।
बृजेश चौहान, सदस्य, बाल आयोग
भोपाल. अप्रेल के पहले सप्ताह में भीषण गर्मी को देखते हुए प्रशासन ने दोपहर 12.30 बजे के बाद स्कूल न लगाने के निर्देश दिए हैं, लेकिन कई स्कूल इस आदेश को तैयार नहीं हैं। कई स्कूल दोपहर की शिफ्ट में संचालित हो रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी ने 30 अप्रेल को जारी आदेश में निर्देश दिए थे कि सभी स्कूल सुबह सात से दोपहर 12.30 बजे तक ही लगेंगे। यह आदेश एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक के लिए जारी किया गया था। अभिभावकों ने केंद्रीय विद्यालय क्रमांक तीन समेत रातीबड़, 11 मील क्षेत्र स्थित निजी स्कूलों में दोपहर में कक्षाएं लगाए जाने की शिकायत की हैं। डीईओ धर्मेंद्र शर्मा का कहना है कि यदि कोई स्कूल निर्देशों का पालन नहीं कर रहा है तो जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।