विवि की ओर से गठित टीमों को निरीक्षण के दौरान 200 से अधिक स्टडी सेंटर्स फर्जी मिले हैं, इनकी संबद्धता खत्म कर बंद करने की कार्रवाई की जाएगी। रजिस्ट्रार दीपेंन्द्र बघेल का कहना है कि स्टडी सेंटर्स की निरीक्षण रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बता सकेंगे।
जल्द जारी होगी सूची
निरीक्षण समिति में शामिल विवि के एक प्रोफेसर के मुताबिक दस साल में सबसे ज्यादा सेंटर्स खोले गए, इनमें सर्वाधिक संख्या कम्प्यूटर कोर्स से संबंधित सेंटर्स की हैं।
नेताओं व अधिकारियों के परिचितों को उपकृत करने के लिए इन्हें अनुमति दी गई। जांच में 200 से अधिक सेंटर्स गलत तरीके से संचालित होना पाया गया है। जल्द ही उनकी सूची विवि की वेबसाइट पर भी अपलोड होगी।
10 से अधिक टीमों ने किया निरीक्षण
निरीक्षण के लिए विवि ने 10 से अधिक टीमें गठित की थीं। इन टीमों में विवि का स्टाफ था। स्टडी सेंटर के निरीक्षण की रिपोर्ट वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार को सौंपी जाएगी। प्रत्येक टीम में शामिल 4 से 5 सदस्यों ने सेंटरों की वीडियो रिकॉर्डिंग व फैकल्टी से संबंधित दस्तावेज जांचे थे।
जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय के स्टडी सेंटर 12 राज्यों में संचालित हो रहे हैं। देशभर में कुल 1731 सेंटर हैं। मध्य प्रदेश में इनकी संख्या 1629 है। इनमें मीडिया कोर्स के 67 और कम्प्यूटर कोर्स का संचालन करने वाले 1664 सेंटर्स हैं।
इधर, कुठियाला ने खुद को बतााया सीएस रैंक का अफसर लिखा – सीएम को रिपोर्ट करता हूं … वहीं दूसरी ओर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जन संचार विवि में वित्तीय अनियमितताओं में घिरे पूर्व कुलपति प्रो. ब्रजकिशोर कुठियाला ने जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू के डीजी को पत्र लिखा है।
कुठियाला ने साफ किया कि जब जांच टीम ऑफिस पहुंची तो वे छुट्टी पर थे। उन्होंने कहा है कि मुझे फरार घोषित नहीं किया जाए। इधर, इस मामले डीजी ईओडब्ल्यू केएन तिवारी ने बताया कि कुठियाला पैतृक गांव प्रागपुर हरियाणा में भी नहीं मिले। जो पत्र भेजा उसमें भी पता दर्ज नहीं है।