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भोपाल के रण में दिग्विजय सिंह ने चली बड़ी चाल, बीजेपी के ‘एंगल’ को भेदा !

locationभोपालPublished: May 04, 2019 04:30:15 pm

Submitted by:

Pawan Tiwari

भोपाल के रण में दिग्विजय सिंह ने चली बड़ी चाल, बीजेपी के ‘एंगल’ को भेदा!

sadhu vs sadhvi
भोपाल. लोकसभा चुनाव 2019 में भोपाल मध्यप्रदेश की सबसे हॉट सीट है। इस सीट पर पूरे देश की नजर है। यहां मुकाबला दिग्विजय सिंह और साध्वी प्रज्ञा के बीच है। साध्वी बीजेपी की उम्मीदवार हैं, उनकी छवि हिंदुत्व की फायर ब्रांड नेत्री के रूप में है, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह हिंदू आतंकवाद के मुद्दे पर बीजेपी के निशाने पर हैं।
बीजेपी साध्वी को मैदान में ऊतारकर भोपाल में वोटों का ध्रुवीकरण चाहती थी। लेकिन दिग्विजय सिंह ने भी नई चाल चली है। भोपाल की लड़ाई को उन्होंने साध्वी वर्सेज साधु कर दिया है। ये लड़ाई साधु वर्सेज साध्वी इसलिए हो गई है कि साध्वी की तरफ से कोई साधु अभी तक सामने नहीं आया है। सिर्फ उमा भारती उनके पक्ष में प्रचार की हैं। जबकि दिग्विजय सिंह के फेवर में तीन दिग्गज साधु आ गए हैं। जिसमें उनके गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर वैराग्यानंद और कंप्यूटर बाबा हैं।
दिग्विजय सिंह के नामांकन के दिन से ही उनके गुरु स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती उनके पक्ष में हैं। दिग्विजय नामांकन के पूर्व उनसे आर्शीवाद लेने गए थे। इस दौरान सरस्वती ने साध्वी पर हमला भी किया था। उन्होंने कहा था कि प्रज्ञा साध्वी नहीं हैं, उन्होंने कहा था कि अगर वो संत होती तो अपने नाम के पीछे ठाकुर क्यों लिखती। साथ ही साध्वी की भाषा में संयम नहीं है।

स्वरूपानंद सरस्वती के बाद महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यनंद भी दिग्विजय सिंह के सपोर्ट में आ गए हैं। वो दिग्विजय सिंह की जीत के लिए पांच क्विंटल लाल मिर्ची से हवन करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा था कि दिग्विजय सिंह अगर नहीं जीते तो वो जिंदा समाधि ले लेंगे। वैराग्यनंद ने यह भी कहा था कि हजारों साधु-संत दिग्विजय के लिए डोर-टू-डोर कैंपेन करेंगे। वैराग्यनंद ने साध्वी को लेकर कहा था कि उन्होंने लाल कपड़े को बदनाम किया है।
वहीं, अब कंप्यूटर बाबा भी दिग्विजय सिंह के समर्थन में आ गए हैं। शनिवार को भोपाल में उन्होंने ऐलान कर कि दिया कि दिग्विजय सिंह की जीत के लिए वो धूनी तापेंग, यज्ञ करेंगे और हठ योग करेंगे। कंप्यूटर बाबा ने कहा कि साध्वी बहरूपिया हैं, वो संत नहीं हैं। संत कभी भी हत्या और ब्लास्ट की आरोपी नहीं हो सकती हैं।
तीन बड़े संतों के दिग्विजय सिंह के पक्ष में आने से यहां मुकाबला बड़ा दिलचस्प हो गया है। दिग्विजय ने इन साधुओं को मैदान में ऊतारकर साध्वी के सामने एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। वहीं, साध्वी खुद हिंदुत्व के फायर ब्रांड नेत्री की तमगा लिए मैदान में हैं। पार्टी के बड़े नेता प्रचार करने में लगे हैं।
इसके साथ ही एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री रहीं और साध्वी उमा भारती भी प्रज्ञा ठाकुर के लिए प्रचार कर रही हैं। शुक्रवार को उन्होंने प्रज्ञा के समर्थन में भोपाल में एक चुनावी रैली कीं। जिसमें उन्होंने कहा कि अंग्रेज यहां से चले गएं लेकिन जूठन के रूप में कांग्रेस के नेताओं को छोड़ गए। उन्होंने कहा कि भोपाल के लोग सच्चे हिंदुस्तानी हैं, वे राष्ट्र विरोधी ताकतों का साथ नहीं देंगे।
गौरतलब है कि बीजेपी का साध्वी को मैदान में उतारने का एंगल ये था कि हिंदू वोटों का बिखराव नहीं हो। पूरी बीजेपी दिग्विजय सिंह को हिंदू विरोधी बताकर घेर रही थी। लेकिन दिग्विजय की इस चाल से अब मुकाबला टफ हो गया है।

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