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भोपाल

MP BJP में अंदरुनी कलह, पार्षद बोली इस विधायक को नहीं मिले यहां से टिकट

अपनी ही पार्टी के वर्तमान विधायक का विरोध…

भोपालOct 24, 2018 / 04:29 pm

दीपेश तिवारी

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MP BJP में अंदरुनी कलह, पार्षद बोली इस विधायक को नहीं मिले यहां से टिकट

भोपाल@सुनील मिश्रा की रिपोर्ट…

मध्यप्रदेश में नजदीक आ रहे चुनाव जहां एक ओर नेताओं को परेशान किए हुए हैं। वहीं इसी दौरान कई नेताओं का विरोध अंदर और बाहर दोनों ओर से शुरु हो गया है।
ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी सामने आया है। जहां एक भाजपा के पार्षद द्वारा भाजपा के ही वर्तमान विधायक को टिकट नहीं देने की सिफारिश की गई है।
जानकारी के अनुसार भाजपा के पार्षद मनफूल मीना ने भाजपा अध्यक्ष के नाम एक आवेदन दिया है, जिसमें कहा गया है कि हुजूर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के ही विधायक रामेश्वर शर्मा को टिकट नहीं दिया जाए।
ये है मामला…
दरअसल दोनों के बीच का विरोध पूर्व में भी सामने आ चुका है। जुलाई में ही भाजपा के अंदर भी आपसी टसन खुलकर सामने आने लगी थी।

इसी के चलते राजधानी भोपाल के कोलार क्षेत्र में उस दौरान पार्षद मनफूल मीणा सहित उनके पति श्याम सिंह मीणा ने न केवल भूमि पूजन करने आए विधायक रामेश्वर शर्मा का रास्ता रोका बल्कि उनके विरोध में नारेबाजी तक कर दी थी।
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जिसके बाद यहां आए सांसद आलोक संजर व विधायक रामेश्वर शर्मा को बिना भूमि पूजन किए ही वापस जाना पड़ा। वहीं इस संबंध में पार्षद मीणा का कहना था कि ये निर्माण कार्य पार्षद निधि से हो रहा है, ऐसे में बिना जानकारी दिए भूमिपूजन करने चले आए थे सांसद और विधायक…
दरअसल इस दौरान सांसद आलोक संजर और विधायक रामेश्वर शर्मा कोलार क्षेत्र में एक भूमि पूजन के सिलसिले में पहुंचे थे। वहीं इसी दौरान पार्षद मनफूल मीणा और उनके पति श्याम सिंह मीणा ने विधायक का रास्ता रोक दिया।
सूत्रों के अनुसार निर्माण कार्य का श्रेय लेने के चलते यह यह पूरा मामला पैदा हुआ। इस संबंध में पार्षद का कहना था उनकी पार्षद निधि के काम का विधायक भूमि पूजन करने आए थे।
वहीं विधायक के वहां आते ही पार्षद ने पहले पति के साथ उनका रास्ता रोका लेकिन जब बात नहीं बनी तो वहां भाजपा ज़िंदाबाद और विधायक मुर्दाबाद के नारे लगने लगे। बिगड़ती स्थिति को देख सांसद आलोक संजर के समझाने की कोशिश की लेकिन इसके बावजूद बाद भी मीणा और उनके समर्थक शांत होने व उनकी बात मानने को तैयार नहीं हुए।
जिसके बाद सांसद व विधायक को वापस लौटना पड़ा था।

जबकि देर शाम प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष एवं हुजूर से विधायक रामेश्वर शर्मा और पार्षद पति श्याम सिंह मीणा का विवाद पुलिस थाने पहुंच गया। जिसके बाद कोलार पुलिस थाने पर दोनों पक्षों का जमावड़ा हो गया।
ये हुई थी कार्रवाई…
वहीं घटना के बाद देर शाम पार्टी ने पार्षद पति श्याम सिंह मीणा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया। पार्टी के मीडिया प्रभारी के अनुसार श्याम सिंह मीणा द्वारा आज दिन में एक कार्यक्रम के दौरान की गई अनुशासनहीनता को देखते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई।

घर पर पत्थरबाजी का आरोप..
इस घटना के तीसरे दिन बाद पार्षद ने अपने घर रात में पथराव होने की बात भी कही थी।

विधायक पर ये लगाए थे आरोप…
यहां डीजीपी से मुलाकात नहीं होने पर उन्होंने एडीजीपी को ज्ञापन दिया। ज्ञापन में उन्होंने बताया कि हम लोगों को फंसाने के लिए हमारे पति के खिलाफ झूठी शिकायत कर दी गई। एक साल से विधायक हमारे कामों में जबरिया हस्तक्षेप कर रहे हैं जिससे विकास नहीं हो पा रहा है और जनता बहुत परेशान हैं।
पार्षद निधि के कामों का भूमिपूजन भी स्वयं विधायक करने चले आते हैं। जब इस बात का विरोध किया गया तो पुलिस में ‘झूठा प्रकरण दर्ज करा दिया गया। घटना के एक दिन बाद विधायक ने अपने अंगरक्षक को भी भेजकर एफआईआर करवाई, जबकि घटना के वक्त पुलिस भी मौजूद थी।
मीना का यह कहना भी था कि विधायक ने उनके साथ भी धक्का-मुक्की की और अपशब्दों का प्रयोग किया। मीडिया से बात करते हुए पार्षद मीना ने कहा कि हमारा परिवार मानसिक रूप से परेशान है। विधायक से हमें खतरा है। हम लोग इतने परेशान हैं कि कुछ भी करने की स्थिति में हैं।
एकता में आ रही कमी…
वहीं जानकारों का कहना है मध्यप्रदेश में जिस एकता की कमी के चलते कांग्रेस लगातार चुनावों में भाजपा को कड़ी टक्कर नहीं दे पा रही है। वहीं कमोबेश स्थिति धीरे धीरे भाजपा में भी पैदा होनी शुरु हो गई है।
जानकारों की माने तो कांग्रेस में बड़े नेताओं के टकराव का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ता है। जबकि भाजपा में ये अभी नीचे स्तर पर ही दिखता है। लेकिन यदि ये धीरे धीरे उपरी स्तर तक पहुंच गया तो भाजपा की हालत भी कांग्रेस जैसी ही होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।
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