दोनों के प्रत्याशी आमने-सामने न होने के कारण यहां वेट एंड वॉच की स्थिति है। दोनों दलों के अब तक के उम्मीदवार देखकर साफ हो रहा है कि मुकाबला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वर्सेज कांग्रेस की त्रिमूर्ति कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया होगा।
भाजपा शिवराज ने एकतरफा टिकट दिए हैं तो कांग्रेस में त्रिमूर्ति ने प्रत्याशी तय किए हैं। दोनों दलों ने प्रदेश को छह जोन ग्वालियर-चंबल, बुंदेलखंड, विंध्य, महाकौशल, मालवा-निमाड़ और मध्य क्षेत्र में बांटकर जातिगत और क्षेत्रीय समीकरण के हिसाब से रणनीति तैयार की है। पढ़ें अंचलवार रिपोर्ट…
ग्वालियर चंबल 34 में से 23 सीटों पर तस्वीर साफ…
यहां की 23 सीटों पर तस्वीर साफ हो गई है। यहां मुकाबला सिंधिया की टीम और शिवराज व नरेंद्र सिंह तोमर के गणों के बीच है। शिवराज के सबसे ज्यादा छह मंत्री यहां से मैदान में हैं।
मालवा-निमाड़ ताई-भाई का झगड़ा भुनाएगी कांग्रेस….
मालवा निमाड़ की 66 सीटों में 35 सीटों पर कांग्रेस-भाजपा दोनों दलों के प्रत्याशी मैदान में हैं। यहां छह मंत्रियों की प्रतिष्ठा दावं पर लगी हैं। हरसूद में मंत्री विजय शाह के सामने सुखराम साल्वे हैं तो अर्चना चिटनीस के सामने कांग्रेस ने अल्पसंख्यक चेहरे हमीद काजी को उतारा है।
मंत्री अंतर सिंह आर्य के समाने ग्यारसी लाल रावत हैं। कांग्रेस ने यहां युवा चेहरों को तवज्जों दी है। एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े और युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कुणाल चौधरी को उम्मीदवार बनाया गया है। इंदौर की सभी सीटों पर भाजपा अभी अपने उम्मीदवार घोषित नहीं कर पाई है।
मध्य क्षेत्र दोनों ने 27 सीटों पर खोले पत्ते….
मध्य की 36 सीटों में 27 पर भाजपा-कांग्रेस अपने पत्ते खोल चुकी है। सीएम शिवराज के साथ ही उनके 4 मंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष सीतासरन शर्मा मैदान में हैं।
मंत्री गौरीशंकर शेजवार का टिकट काटकर उनके पुत्र मुदित शेजवार को सांची से टिकट दिया है। सीएम और विधानसभा अध्यक्ष के सामने कांग्रेस ने नाम घोषित नहीं किए हैं।
मंत्री सुरेंद्र पटवा के सामने फिर सुरेश पचौरी हैं। सिलवानी से मंत्री रामपाल सिंह से पिछला चुनाव हारने वाले देवेंद्र पटेल ही मैदान में हैं। मंत्री उमाशंकर गुप्ता के खिलाफ पीसी शर्मा मैदान में हैं। मंत्री विश्वास सारंग के सामने बुदनी में पिछला चुनाव शिवराज से हारे महेंद्र सिंह चौहान हैं।
विंध्य : 30 सीटों में से 23 पर दोनों के प्रत्याशी घोषित……
विधायकों को फिर मौका, मंत्री की जगह बेटे को उतारा
विंध्य में भाजपा और कांग्रेस ने 23 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। आठ सीटों पर दोनों के प्रत्याशी आना बाकी हैं। दोनों दलों ने ब्राह्मण-ठाकुर के सियासी समीकरणों को साधने की कोशिश की है।
भाजपा से 5 ठाकुर और 8 ब्राह्मण, जबकि कांग्रेस 4 ठाकुर और 6 ब्राह्मणों को टिकट दिया है। भाजपा ने मंत्री हर्ष सिंह का टिकट काटकर उनके पुत्र विक्रम सिंह को मैदान में उतारा गया है। यहां कांग्रेस ने कोतमा विधायक मनोज अग्रवाल का टिकट काट दिया है।
मंत्री राजेंद्र शुक्ला को घेरने के लिए कांग्रेस ने भाजपा से आए अभय मिश्रा को मैदान में उतार दिया है। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के सामने एक बार फिर शर्देंदू तिवारी को उतारा है।
सिंगरौली से अजय सिंह के जीजा की जगह पैराशूट उम्मीदवार रेणु शाह को उतारा है। रेणु को टिकट दिए जाने को अजय सिंह की बहन बीना सिंह के विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है।
बुंदेलखंड 26 में से 17 सीटों पर तस्वीर साफ….
26 में से 16 सीटों पर तस्वीर साफ हो गई है। यहां से चार मंत्री मैदान में हैं। मंत्री कुसुम मेहदेले का टिकट खतरे में है। कांग्रेस एक मंत्री के सामने उम्मीदवार उतार पाई है।
मंत्री भूपेंद्र सिंह के सामने अरुणोदय चौबे हैं। कांग्रेस विधायक मुकेश नायक के सामने फिर ब्रजेंद्र प्रताप सिंह हैं। कांग्रेस के गोङ्क्षवद राजपूत का मुकाबला सागर सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के पुत्र सुधीर से है। मंत्री जयंत मलैया, गोपाल भार्गव और ललिता यादव के सामने कांग्रेस ने अभी प्रत्याशी नहीं उतारे हैं।
महाकौशल : 38 में से 21 सीटों पर स्थिति साफ….
दोनों दलों के प्रदेश अध्यक्षों के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई
महाकौशल की 38 में से 21 सीटों पर कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवारों की तस्वीर साफ हो गई है। यह प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का गृह क्षेत्र है, इसलिए सियासी गलियारों में इस क्षेत्र की चर्चा भी ज्यादा होती रही है।
कमलनाथ और राकेश के साथ ही शिवराज के चार मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी यहां दावं पर लगी है। भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए तीन नेताओं पद्मा शुक्ला, संजय शर्मा और खिलाड़ी सिंह को पार्टी ने मौका दिया है।संजय पाठक और पद्मा शुक्ला पार्टी बदलकर आमने-सामने हैं।
शिवराज सरकार के मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे के सामने भूपेंद्र मरावी हैं तो जालमसिंह पटेल के सामने लोधी वोट साधने कांग्रेस ने लाखन ङ्क्षसह पटेल को उतारा है। दिग्विजय मंत्रिमंडल के सदस्य रहे एनपी प्रजापति फिर गोटेगांव से प्रत्याशी बनाए हैं। वे पिछला चुनाव बड़े अंतर से हारे थे।