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आज मंदिरों में नहीं होगी सांध्य आरती, दोपहर बाद देव दर्शन भी नहीं

locationभोपालPublished: Jul 27, 2018 07:38:07 am

Submitted by:

Bhalendra Malhotra

खग्रास चंद्र ग्रहण आज, दोपहर 2:54 से शुरू हो जाएगा सूतक, इसलिए बंद हो जाएंगे मंदिरों के पट

Lunar eclipse

आज मंदिरों में नहीं होगी सांध्य आरती, दोपहर बाद देव दर्शन भी नहीं

भोपाल. भारत सहित दुनिया के कई देशों में शुक्रवार को चंद्रग्रहण होगा। देश के अनेक हिस्सों में यह खग्रास चंद्रग्रहण दिखाई देगा। ग्रहण के सूतक के कारण दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। इसके कारण दोपहर बाद देवदर्शन नहीं हो पाएंगे, वहीं सांध्य आरती भी मंदिरों में नहीं होगी। ग्रहण समाप्ति के बाद देव प्रतिमाओं को स्नान कराया जाएगा और रविवार सुबह ही मंदिरों के पट खुलेंगे।

उत्तरा आषाढ़ नक्षत्र तथा मकर राशि में पडऩे वाला यह ग्रहण इस सदी का सबसे लंबी अवधि वाला खग्रास चंद्रग्रहण होगा और इस साल का दूसरा खग्रास चंद्रग्रहण होगा। इसके पहले 31 जनवरी को भी खग्रास चंद्रग्रहण पड़ा था। चंद्रग्रहण शुरू होने के तीन प्रहर अर्थात 9 घंटे पहले ग्रहण का सूतक काल शुरू हो जाता है। इसलिए इस ग्रहण का सूतक भी दोपहर बाद से शुरू हो जाएगा जो ग्रहण समाप्ति के बाद तक रहेगा। इस ग्रहण की अवधि 3 घंटा 55 मिनट रहेगी।

वायव्य कोण से शुरू और आग्नेय कोण पर समाप्त होगा ग्रहण

ज्योतिष मठ संस्थान के पं. विनोद गौतम ने बताया कि यह लंबी अवधि का ग्रहण होगा, जो चंद्रमा के वायव्य कोण से शुरू और आग्नेय कोण पर समाप्त होगा। इस ग्रहण का ग्रासमान 1.61 होगा। यह ग्रहण भारत के साथ-साथ कई देशों में दिखाई देगा। यह इस सदी में सबसे लंबी अवधि का ग्रहण होगा।

ब्लड मून की तरह होगी आभा

आंचलिक विज्ञान केंद्र के प्रकल्प समन्वयक प्रबॉल राय ने बताया कि यह पूर्णग्रास ग्रहण होगा, जो काफी लंबी अवधि का ग्रहण होगा। इसे ब्लड मून कह सकते हैं, क्योकि यह रेडियस की तरह लाल आभा के साथ दिखाई देगा। अगर बादल खुले रहे तो लोग इस खगोलीय घटना को रात्रि में देख सकते हैं। यह एक खगोलीय घटना है, और इसे देखने से कोई भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ता।

ग्रहण के दौरान क्या करे, क्या न करे

– सूतक शुरू होने के बाद प्रतिमा का स्पर्श, पूजा पाठ न करे
– घर में पूजा घर में पर्दा डाल दे
– नग्न आंखों से ग्रहण न देखे
– ग्रहण अवधि में खाना और सोना वर्जित माना गया है
– गर्भवती महिलाओं को ग्रहण में बाहर नहीं निकलना चाहिए
– ग्रहण में चंद्र मंत्र, राहु मंत्र, राम नाम का जाप करना चाहिए
– ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करे, यज्ञोपवित और कलावा बदले
– ग्रहण का दान करे

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