दूसरे अधिकारी की कर रहे थे जांच, खुद भ्रष्टाचार में डूबे मिले
आलोक खरे 2014 से 2018 तक भोपाल में पदस्थ रहे। मालवा-निमाड़ में काफी समय नौकरी की। खरगोन, रतलाम, धार, इंदौर, भिंड में भी पदस्थ रहे। हैरानी की बात है कि खरे इन दिनों इंदौर के विवादित और भ्रष्टाचार के आरोप में हटाए गए असिस्टेंट कमिशनर आबकारी संजीव दुबे की जांच कर रहे थे, लेकिन खुद भ्रष्टाचार में डूबे मिले।
3 ठिकानों पर अकूत संपत्ति
इंदौर के कैलाश पार्क में प्लॉट, स्कीम नं. 78-टू में पत्नी के नाम प्लॉट मिला।?श्री बिल्डर्स एंड डेवलपर्स में बंगला, पीपल्याहाना में ग्रांड एक्जाटिका बिल्डिंग में भी एक फ्लैट, जिसे सील कर दिया गया।?इंदौर में पदस्थापना के बाद खरे ने ऑफिस में दो एसी, वुडन कोर्ट, टीवी आदि लगवाई थी।?स्टॉक से यह गायब मिला।
छतरपुर: आलोक के पिता लालजी खरे सेवानिवृत्त प्राचार्य हैं। वे छतरपुर में रहते हैं। वहां कार्रवाई में लोकायुक्त टीम को 12 लाख नकद, 15 लाख का सोना, 2 लाख की चांदी व एक कार मिली। चार हजार वर्गफीट का प्लॉट पिता के नाम है।
रायसेन में दो फॉर्म हाउस, एक खरे ऑर्चिड और दूसरा डाबरा इमलिया गांव में। चौपड़ा कला के फॉर्म हाउस में 70 एकड़ जमीन। 3600 पेड़ों का बगीचा। 5 लाख नकद मिले। वहीं, 4 हजार वर्गफीट में मकान, 2 वेयर हाउस, 4 ट्रैक्टर, 2 बाइक, 5 एसी, 2 ड्रोन कैमरे सहित विलासिता के अन्य सामान बरामद किए गए।