यहां के प्रत्याशियों द्वारा चुनाव आयोग को चुनावी खर्च का हिसाब दिया गया है। हालांकि चुनाव आयोग कांग्रेस प्रत्याशी नकुल नाथ द्वारा दिए गए ब्यौरे से संतुष्ट नहीं है। छिंदवाड़ा संसदीय सीट के बीजेपी प्रत्याशी विवेक बंटी साहू के भी चुनावी खर्च में गड़बड़झाला बताया जा रहा है।
पहले चरण में जिन 6 सीटों पर मतदान हुआ उनमें छिंदवाड़ा पर सबकी नजर है। यहां कमलनाथ और उनके सांसद पुत्र नकुलनाथ की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। बीजेपी हर हाल में उनसे यह सीट छीनना चाहती है। दोनों दलों के लिए नाक का सवाल बनी छिंदवाड़ा सीट पर चुनाव में जमकर पैसा बहाया गया है।
यह भी पढ़ें— Sextortion – पुलिस चला रही ‘सेक्सटॉर्शन रैकेट’, नामी लोगों को फंसाकर पैसे वसूल रही महिला सब इंस्पेक्टर की गैंग चुनाव आयोग की छिंदवाड़ा पर गहरी नजर रही। इसलिए जैसे ही वोटिंग के बाद प्रत्याशियों ने चुनावी खर्च की तीसरी रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को सौंपी, वैसे ही सवाल उठने भी शुरु हो गए। कांग्रेस प्रत्याशी नकुलनाथ ने अपने चुनाव खर्च की जो रिपोर्ट आयोग को सौंपी उसमें 44.18 लाख रुपए का हिसाब किताब दिया गया है। चुनाव आयोग इस हिसाब को गलत बता रहा है।
निर्वाचन आयोग को सौंपी रिपोर्ट में नकुलनाथ ने वाहनों पर सर्वाधिक 35 लाख रुपए का खर्च बताया है। चुनाव में उनकी सभाओं का खर्च 6 लाख रुपए बताए गए हैं। एमपी के सबसे धनवान प्रत्याशी नकुलनाथ के इस चुनावी ब्यौरे से चुनाव आयोग ने असहमति जताई है।
नकुलनाथ ने जहां कुल खर्च 44.18 लाख रुपए का बताया वहीं आयोग के व्यय प्रेक्षक के अनुसार उनका खर्च 66.38 लाख रुपए का है। व्यय प्रेक्षक ने बाकायदा अपनी टीप में यह खर्च लिखा है। इस प्रकार चुनाव आयोग का मानना है कि नकुलनाथ ने 17 लाख रुपए का खर्च कम बताया है।
निर्वाचन आयोग के चुनावी खर्च के घेरे में बीजेपी के प्रत्याशी विवेक बंटी साहू भी फंसे हैं। आयोग को चुनावी खर्च की दी गई जानकारी के मुताबिक उन्होंने 25.38 लाख रुपए का खर्च बताया है। चुनाव आयोग के अनुसार बंटी साहू भी चुनावी खर्च कम बता रहे हैं।
चुनाव आयोग का कहना है कि बंटी साहू ने कुल 36.18 लाख रुपए चुनाव पर खर्च किए हैं। इस प्रकार विवेक बंटी साहू ने 10.29 लाख रुपए कम खर्च का हिसाब दिया है।