य हां की सबसे बड़ी बस्ती भीम नगर है, जिसमें 7 हजार से अधिक झुग्गियां हंै। इससे लगी हुई वल्लभ नगर, ओम नगर की तस्वीर भी जुदा नहीं है। देखते ही देखते 30 साल पहले यहां इतनी झुग्गियां बस गईं। यहां के वोट एक ही दल को जाते हैं। वल्लभ नगर की आबादी पहले एक दल को वोट देती थी, अब ट्रेंड बदल गया। इन बस्तियों में सबसे अधिक बिहारी-भोजपुरी, मराठी, निमाड़ी लोग रहते हैं। स्थानीय निवासी लिंबाराम नांगले का कहना है कि लोग आते हैं, वोट ले जाते हैं। इसलिए जनता समझदार हो गई है अब हम विकास करने वाले का ही वोट देते हैं।
उमाशंकर गुप्ता, विधायक दक्षिण पश्चिम
य हां 3 हजार से अधिक झुग्गियां हैं, लेकिन सुविधाविहीन। इस बस्ती के वोट भी उम्मीदवार का भाग्य तय करते हैं, लेकिन जीतने के बाद कोई सुध लेने नहीं आता। यहां बी-सेक्टर में भी 3 हजार झुग्गियां हैं। पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं की गई। गंदगी भी बीमार कर रही है। बच्चों के लिए सरकारी स्कूल नहीं हंै। इस क्षेत्र की आबादी डेंगू-मलेरिया के कारण सबसे अधिक परेशान है लेकिन डिस्पेंसरी नहीं है। यहां एससी-एसटी आबादी व बिलासपुर के लोग सबसे अधिक निवास कर रहे हैं। रहवासी आंचल प्रजापति का कहना है कि गरीब लोग ही सबसे अधिक वोट देने जाते हैं, लेकिन वे ही परेशान हो रहे हैं। इस बार तय कर लिया है, जो हमारे लिए, हम उसके लिए।
रामेश्वर शर्मा, विधायक, हुजूर