बता दें, कुसुम महदेले भाजपा की बड़ी नेताओं में शुमार होती हैं और उम्र के फार्मूले के चलते सरताज सिंह, बाबूलाल गौर के साथ उनका भी टिकट काट दिया गया। महदेले को लोध वोटरों के बीच में बड़ा नेता माना जाता है। बावजूद इसके भाजपा ने उन्हें दरकिनार कर बृजेंद्र प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाया है। इसी पर उन्होंने ट्वीट करते हुए नरेंद्र सिंह तोमर को कहा है…यह कैसा अन्याय है,कि पवई से 12 हजार से अधिक मतो से हारे प्रत्याशी को पन्ना विधान सभा से टिकिट और पन्ना से 29000 हजार सेअधिक मतो से जीते प्रत्याशी का टिकिट काटा। क्यों? कैसी पंडित दीनदयाल जी और पंडित श्याम चरण जी मुख़र्जी जी की भारतीय जनता पार्टी है, तोमर जी?
तोमर पर हमला क्यों?
दरअसल, तोमर पर हमला करने के पीछे भी वजह है। बृजेंद्र प्रताप सिंह ठाकुर नेताओं में शुमार होते हैं और उन्हें नरेंद्र सिंह तोमर का करीबी माना जाता है। कहा जा रहा है कि उन्हें पवई से हटाकर पन्ना लाने में नरेंद्र सिंह तोमर की भूमिका है। बृजेंद्र प्रताप पिछले चुनाव में पवई से कांग्रेस के उम्मीदवार से करीब 12 हजार मतों से हारे थे।
दरअसल, तोमर पर हमला करने के पीछे भी वजह है। बृजेंद्र प्रताप सिंह ठाकुर नेताओं में शुमार होते हैं और उन्हें नरेंद्र सिंह तोमर का करीबी माना जाता है। कहा जा रहा है कि उन्हें पवई से हटाकर पन्ना लाने में नरेंद्र सिंह तोमर की भूमिका है। बृजेंद्र प्रताप पिछले चुनाव में पवई से कांग्रेस के उम्मीदवार से करीब 12 हजार मतों से हारे थे।
नहीं मान रहे दिग्गज नेता
भाजपा के दिग्गज नेताओं ने ही भाजपा की मुश्किलें खड़ी की हुई हैं। विदिशा की शमशाबाद सीट से पूर्व वित्त मंत्री राघव जी मैदान में हैं। वह यहां से अपनी बेटी के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन भाजपा ने नहीं दिया सो खुद ही मैदान में आ गए। जबकि दूसरी ओर पथरिया और दमोह से निर्दलीय पर्चा भरने वाले रामकृष्ण कुसमारिया भी मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि उन्हें दरकिनार किया जा रहा है। पार्टी जानबूझकर उन्हें नेपथ्य में धकेलना चाहती है। ऐसे में उन्होंने भाजपा की दो सीटों पर मुश्किलें बढ़ाई हुई हैं। इसके चलते वर्तमान वित्तमंत्री जयंत मलैया दमोह में मुश्किल में फंसे हुए हैं।
भाजपा के दिग्गज नेताओं ने ही भाजपा की मुश्किलें खड़ी की हुई हैं। विदिशा की शमशाबाद सीट से पूर्व वित्त मंत्री राघव जी मैदान में हैं। वह यहां से अपनी बेटी के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन भाजपा ने नहीं दिया सो खुद ही मैदान में आ गए। जबकि दूसरी ओर पथरिया और दमोह से निर्दलीय पर्चा भरने वाले रामकृष्ण कुसमारिया भी मानने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि उन्हें दरकिनार किया जा रहा है। पार्टी जानबूझकर उन्हें नेपथ्य में धकेलना चाहती है। ऐसे में उन्होंने भाजपा की दो सीटों पर मुश्किलें बढ़ाई हुई हैं। इसके चलते वर्तमान वित्तमंत्री जयंत मलैया दमोह में मुश्किल में फंसे हुए हैं।