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भोपाल

हमीदिया अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट को मिली मंजूरी

सुविधा: 35 पदों पर होगी नए स्टाफ की भर्ती

भोपालSep 19, 2018 / 01:30 am

Ram kailash napit

patrika

Hamidia

भोपाल. विधानसभा चुनाव के पहले राज्य सरकार ने मंगलवार को भोपाल गांधी मेडिकल कॉलेज में किडनी ट्रांसप्लांट के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसके लिए 3.36 करोड़ के साथ 35 नए पदों को भी मंजूरी मिली हैं। अभी तक भोपाल में निजी हॉस्पिटल बंसल व चिरायु में ही किडनी प्रत्यारोपण होता है। इसके लिए नई ओपीडी बिल्डिंग में ट्रामा सेंटर में अस्थाई रीनल ट्रांसप्लांट सेंटर बनाया गया है। जल्द ही ट्रांसप्लांट सेंटर के लिए पैरामेडिकल स्टाफ की ट्रेनिंग की शुरू की जाएगी।

किडनी ट्रांसप्लांट के लिए फिलहाल अस्थाई ट्रांसप्लांट सेंटर शुरू किया जाएगा। यह सेंटर जब तक काम करेगा जब तक जीएमसी में अलग से नेफ्रोलॉजी और यूरोलॉजी डिपार्टमेंट शुरू नहीं हो जाते। फिलहाल मेडिसिन विभाग के नेफ्र ोलॉजिस्ट और सर्जरी विभाग के यूरोलॉजी विशेषज्ञ डॉक्टर ही ट्रांसप्लांट का काम देंखेंगे। यही नहीं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए दोनों विभागों की नर्सेस, लैब टेक्नीशियन को विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।

एपीएल को देनी होगी फीस, बीपीएल नि:शुल्क
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (बीपीएल) के मरीजों की किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी नि:शुल्क की जाएगी। वहीं एपीएल श्रेणी के मरीजों को ट्रांसप्लांट ऑपरेशन के लिए फ ीस चुकानी पड़ेगी। हालांकि बाजार से यह फीस काफी कम होगी। किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन की यह फ ीस राज्य बीमारी सहायता निधि में सरकार द्वारा किडनी ट्रांसप्लांट के तय पैकेज के
बराबर होगी।

संसाधन पूरे, जल्द शुरू होगी सुविधा
जीएमसी डीन डॉ. एमसी सोनगरा ने बताया कि हमीदिया अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं। फिलहाल अस्थायी ट्रांसप्लांट सेंटर बनाया जाएगा। बाद में नेफ्र ोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग अलग से तैयार किए जाएंगे। इसमें करीब तीन साल लगेंगे और 23 करोड़ खर्च होंगे। अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. हिमांशु शर्मा ने बताया कि सेंटर के लिए आउटसोर्स की मदद की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि ट्रांसप्लांट से पहले मरीज और डोनर की किडनी मैचिंग टेस्ट बाहर से करानी होगी। इसके साथ ही अन्य जांचें आउटसोर्स की जाएंगी। ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों को अलग से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
फिलहाल कार्डियक थोरेसिक ओटी में करेंगे काम
जानकारी के मुताबिक हमीदिया अस्पताल में कार्डियक थोरेसिक डिपार्टमेंट तैयार किया जा रहा है। इसमें नए ओटी से लेकर वार्ड और आईसीयू होंगे। जब तक अलग ट्रांसप्लांट सेंटर नहीं बन जाता कार्डियक थोरेसिक डिपार्टमेंट सुविधाओं का उपयोग किया जाएगा।

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