आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (बीपीएल) के मरीजों की किडनी ट्रांसप्लांट सर्जरी नि:शुल्क की जाएगी। वहीं एपीएल श्रेणी के मरीजों को ट्रांसप्लांट ऑपरेशन के लिए फ ीस चुकानी पड़ेगी। हालांकि बाजार से यह फीस काफी कम होगी। किडनी ट्रांसप्लांट ऑपरेशन की यह फ ीस राज्य बीमारी सहायता निधि में सरकार द्वारा किडनी ट्रांसप्लांट के तय पैकेज के
बराबर होगी।
जीएमसी डीन डॉ. एमसी सोनगरा ने बताया कि हमीदिया अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट के लिए पर्याप्त सुविधाएं हैं। फिलहाल अस्थायी ट्रांसप्लांट सेंटर बनाया जाएगा। बाद में नेफ्र ोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग अलग से तैयार किए जाएंगे। इसमें करीब तीन साल लगेंगे और 23 करोड़ खर्च होंगे। अस्पताल के नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. हिमांशु शर्मा ने बताया कि सेंटर के लिए आउटसोर्स की मदद की जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि ट्रांसप्लांट से पहले मरीज और डोनर की किडनी मैचिंग टेस्ट बाहर से करानी होगी। इसके साथ ही अन्य जांचें आउटसोर्स की जाएंगी। ट्रांसप्लांट के लिए मरीजों को अलग से रजिस्ट्रेशन कराना होगा।
जानकारी के मुताबिक हमीदिया अस्पताल में कार्डियक थोरेसिक डिपार्टमेंट तैयार किया जा रहा है। इसमें नए ओटी से लेकर वार्ड और आईसीयू होंगे। जब तक अलग ट्रांसप्लांट सेंटर नहीं बन जाता कार्डियक थोरेसिक डिपार्टमेंट सुविधाओं का उपयोग किया जाएगा।