script

किडनी ट्रांसप्लांट के बाद जरूर बरतें ये खास सावधानियां, जागरुक होना है बेहद जरूरी

locationभोपालPublished: Sep 02, 2019 11:37:54 am

Submitted by:

Faiz Faiz Mubarak

technically transplant तभी success होता है जब शरीर नए part और उसके काम करे के तरीके को स्वीकार कर ले। kidney transplant भी ऐसा ही है। अकसर किडनी ट्रांसप्लांट के बाद patient काफी releaf feel करने लगता है, लेकिन ट्रांसप्लांट के बाद कुछ precautions बेहद जरूरी होती हैं।

kidney transplant precautions

किडनी ट्रांसप्लांट के बाद जरूर बरतें ये खास सावधानियां, जागरुक होना है बेहद जरूरी

भोपालः किडनी की समस्या आज एक बड़ा विकराल रूप लेती जा रही है, जिससे निपट पाना बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। हालांकि, इसके इलाज की अब काफी हद तक व्यवस्थाएं की जा चुकी है। बेहतर इलाज के साथ साथ अब मध्य प्रदेश में किडनी ट्रांसप्लांट की व्यवस्था भी संभव हो चुकी है। हालांकि, तकनीकी रूप से ट्रांसप्लांट तभी सफल माना जाता है जब शरीर नए अंग और उसकी कार्यशैली स्वीकार कर ले। किडनी ट्रांसप्लांट भी ऐसा ही है। अकसर किडनी ट्रांसप्लांट के बाद पीड़ित काफी आराम महसूस करने लगता है, लेकिन ट्रांसप्लांट के बाद कुछ सावधानियां बरनी बेहद जरूरी होती हैं। अगर ज़रा भी लापरवाही बरती गई तो, कई समस्याएं खड़ी हो सकती हैं। ऐसी स्थिति में सतर्कता बरने के लिए हम सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. मेघराज सिंह से जानेंगे कुछ खास पहलुओं के बारे में…।


-समय पर कराएं टीकाकरण

किडनी ट्रांसप्लांट के बाद संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है। ट्रांसप्लांट के बाद किडनी रिजेक्शन से बचने के लिए मरीज़ को कुछ दवाएं दी जाती हैं, जिनका असर उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता पर पड़ता है। इसीलिए मरीज़ को वायरल, फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण और यहां तक कि साधारण ज़ुकाम या फ्लू से बचने के लिए भी पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। इसलिए दवाओं और परहेज के अलावा डॉक्टरी परामर्श और टीकाकरण समय पर कराते रहना चाहिए।

 

पढ़ें ये खास खबर- smoking treatement : धूम्रपान छुड़ाने में बेहद कारगर हैं ये घरेलू चीजें, पहले इस्तेमाल से ही हो जाएगा चमत्कार

-डॉक्टरी संपर्क में बने रहें

किडनी ट्रांसप्लांट के बाद किसी प्रकार का घाव, खरोंच, चोट, यूरिनरी ट्रैक्ट या कोई संक्रमण महसूस हो या श्वसन सम्बंधी संक्रमण के लक्षण दिखाई दें, जैसे ज़ुकाम, खांसी तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। क्योंकि, कई बार दवाओं के डोज़ से व्यक्ति का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है, जिसके चलते छोटे से छोटा संक्रमण भी सेहत को काफी नुकसान पहुंचा सकता है।

 

पढ़ें ये खास खबर- Lucky Body moles : दुनियाभर में 25 लाख लोगों में किसी एक व्यक्ति के होता इस खास स्थान पर तिल, होते हैं बेहद भाग्यशाली

-ट्रांसप्लांट फेलियर का कारण बनती हैं ये समस्याएं

ट्रांसप्लांट के बाद हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने का खतरा ज्यादा रहता है। इसे नियंत्रित रखना ज़रूरी होता है। इसे नियमित व्यायाम, सीमित और सादा भोजन करके नियंत्रित रखा जा सकता है। इसके अलावा वज़न कंट्रोल में रखना भी बेहद जरूरी है, जिसके लिए नियमित हल्का व्यायाम करते रहना होगा। हालांकि, ब्लड प्रेशर की दवाओं से भी इसे संभाला जा सकता है। दवाओं के अधिक डोज़ से वज़न भी बढ़ सकता है, जो रक्तचाप बढ़ने का जोखिम भी बढ़ा सकता है। सर्जरी के बाद थोड़ी सी भी अनदेखी ऑर्गन रिजेक्शन या ट्रांसप्लांट फेलियर का कारण तक बन जाती है। इसलिए डॉक्टरी निर्देशों का ईमानदारी से पालन करें।

 

-खानपान का अहम योगदान

सफल ट्रांसप्लांटेशन के लिए खानपान का बेहद खास ख्याल रखना ज़रूरी होता है। खानपान में अधिकतर हल्का, वसा रहित, कम नमक वाला भोजन लेना चाहिए। रोजाना 8—10 गिलास पानी पीना भी जरूरी होता है। भोजन में अधिक मात्रा में सोडियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम न लें। साथ ही, पालक, हरा धनिया, अरबी, आलू, शकरकंद के सेवन से बचें। फलों, सब्ज़ियों को हमेशा धोकर ही खाएं। बासा भोजन करने से बचें।

ट्रेंडिंग वीडियो