10 प्रतिशत नगरीय निकाय खर्च करेंगे राशि
युवा स्वाभिमान योजना के तहत नगरीय निकायों को दस प्रतिशत राशि खर्चकरनी होगी। शेष 90 प्रतिशत शासन द्वारा दी जाएगी। इसलिए आगामी बजट में उक्त राशि का प्रावधान भी नगर निगम को करना होगा। युवाओं को रोजगार यदि मुहैया नहीं कराया जा सका तो वर्ष में 100 दिन का मानदेय देना होगा। इस पर भी खर्चहोने वाली राशि की भरपाई के लिए जिन युवाओं को काम पर रखा जाएगा उनके माध्यम से राजस्व जुटाने का प्रयास नगर निगम करेगा।
प्रशिक्षण के साथ चार घंटे करना होगा काम
युवाओं को दस दिन का प्रशिक्षण देने के बाद काम पर भेजा जाएगा। साथ ही उन्हें आगे भी प्रशिक्षण दिए जाते रहेंगे। इसमें कहा गया है कि चार घंटे प्रशिक्षण एवं चार घंटे निगम के कार्य में युवाओं को बिताना होगा। इनकी हाजिरी बायोमेट्रिक मशीन के माध्यम से ली जाएगी। कार्य का मूल्यांकन संपत्तिकर अधिकारी को सौंपा गया है।
मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग में ली जानकारी
योजना से जुड़ी तैयारियों को लेकर मुख्य सचिव ने गुरुवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग कर जानकारी ली। उन्होंने निगम आयुक्त को निर्देशित किया है कि 21 फरवरी को तैयारियों को लेकर युवाओं के साथ भी वीडियो कांफ्रेंसिंग की जाएगी, इसलिए उसकी भी तैयारी शुरू की जाए। यह भी निर्देशित किया हैकि निगम की जरूरत के हिसाब से दूसरे कार्य भी युवाओं के लिए चिन्हित कर सकते हैं।
इन कार्यों में मिलेगा रोजगार
– निकाय के अभिलेखों के आधार पर संपत्तियों का सर्वे, नापजोख आदि का कार्य।
– ऐसी संपत्तियों को चिन्हित करना जिनका क्षेत्रफल त्रुटिपूर्ण अंकित है और निगम को कम टैक्स मिल रहा है।
– आवासीय स्वीकृति के बने भवनों में व्यवसायिक कारोबार को चिन्हित कर अभिलेख में दर्ज करवाना।
– जो बकाएदार निकाय को संपत्तिकर लंबे समय से नहीं दे रहे हैं, उनके यहां से वसूली कराना।
– जलकर के नए खाते खुलवाना एवं उनसे टैक्स वसूलना।
– निकाय द्वारा किराए पर दी गई संपत्ति का नियमित किराया वसूल कराना।
– दुकानों एवं व्यवसायिक संस्थानों को नए लाइसेंस दिलाने की कार्यवाही पूरी कराना और लाइसेंस की फीस वसूलना।
पंजीयन प्रारंभ हो गया
युवा स्वाभिमान योजना के तहत रोजगार मुहैया कराया जाना है। इसके लिए पंजीयन प्रारंभ हो गया है। पहले चरण में संपत्तिकर वसूली के कार्य से युवाओं को जोड़ा जाएगा। इसके बाद निगम की जरूरतों के हिसाब से उन्हें रोजगार देने का प्रावधान किया गया है।
अरुण मिश्रा, संपत्ति अधिकारी नगर निगम