ज्योतिरादित्य सिंधिया ने झाबुआ में चुनाव प्रचार नहीं किया जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया झाबुआ उपचुनाव के लिए कांग्रेस के स्टार प्रचारक थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनके खेमे के मंत्री भी इस चुनाव से दूर रहे हैं। जिसे देखकर कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश में एक बार फिर से कांग्रेस की गुटबाजी सामने आ रही है।
सीएम भी सक्रिय
झाबुआ उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके कांतिलाल भूरिया इस सीट से चुनावी मैदान में है। इस सीट को जीतने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कमलनाथ सरकार के आधा दर्जन से ज्यादा मंत्री और कई विधायक क्षेत्र में सक्रिय हैं लेकिन सिंधिया खेमा इस क्षेत्र में दिखाई नहीं दिया।
मध्यप्रदेश में सक्रिय रहे सिंधिया
झाबुआ उपचुनाव में तारीखों की घोषणा के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश के दौरे पर रहे लेकिन उन्होंने झाबुआ का दौरा नहीं किया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल संभाग के कई जिलों का दौरा किया तो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जनता से भी मुलाकात की। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर का भी दौरा किया। स्टार प्रचारक होने के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने झाबुआ का दौरा नहीं किया और कांतिलाल भूरिया ने समर्थन में कोई रैली नहीं की। यहां तक की ज्योतिरादित्य ने इस दौरान झाबुआ उपचुनाव को लेकर एक भी ट्वीट नहीं किया।
झाबुआ उपचुनाव में तारीखों की घोषणा के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश के दौरे पर रहे लेकिन उन्होंने झाबुआ का दौरा नहीं किया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल संभाग के कई जिलों का दौरा किया तो बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जनता से भी मुलाकात की। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंदौर का भी दौरा किया। स्टार प्रचारक होने के बाद भी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने झाबुआ का दौरा नहीं किया और कांतिलाल भूरिया ने समर्थन में कोई रैली नहीं की। यहां तक की ज्योतिरादित्य ने इस दौरान झाबुआ उपचुनाव को लेकर एक भी ट्वीट नहीं किया।
अपनी सरकार पर ही हमलावर हैं सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार कमल नाथ सरकार पर हमला बोल रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में कर्जमाफी को लेकर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि हमने किसानों के 2 लाख तक का खर्च माफ करने का वादा किया था लेकिन किसानों का 50 हजार रुपए ही माफ हुआ है। किसानों की कर्जमाफी के अलावा सिंधिया अवैध रेत उत्खनन और ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर भी कमल नाथ सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार कमल नाथ सरकार पर हमला बोल रहे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में कर्जमाफी को लेकर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था कि हमने किसानों के 2 लाख तक का खर्च माफ करने का वादा किया था लेकिन किसानों का 50 हजार रुपए ही माफ हुआ है। किसानों की कर्जमाफी के अलावा सिंधिया अवैध रेत उत्खनन और ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर भी कमल नाथ सरकार को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं।
उपचुनाव में क्यों बनाई दूरी
जानकारों का कहना है कि इस समय मध्यप्रदेश में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह खेमे की जुगलबंदी चल रही है। झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस ने दिग्विजय और कमल नाथ के करीबी कांतिलाल भूरिया को उम्मीदवार बनाया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की लगातार कांग्रेस में उपेक्षा हो रही है। जिस कारण सिंधिया ने खुद को झाबुआ उपचुनाव से दूरी बना ली है। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के दूरी बनाने के बाद कांग्रेस की गुटबाजी एक बार फिर से सामने आई है। सिंधिया खेमा भी झाबुआ उपचुनाव के दौरान दूर रहा। सिंधिया खेमे के किसी भी मंत्री को स्टार प्रचारक की सूची में शामिल नहीं किया गया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया को लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की जा रही है लेकिन सिंधिया के पास फिलहाल कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं है।
जानकारों का कहना है कि इस समय मध्यप्रदेश में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह खेमे की जुगलबंदी चल रही है। झाबुआ उपचुनाव में कांग्रेस ने दिग्विजय और कमल नाथ के करीबी कांतिलाल भूरिया को उम्मीदवार बनाया है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की लगातार कांग्रेस में उपेक्षा हो रही है। जिस कारण सिंधिया ने खुद को झाबुआ उपचुनाव से दूरी बना ली है। हालांकि ज्योतिरादित्य सिंधिया के दूरी बनाने के बाद कांग्रेस की गुटबाजी एक बार फिर से सामने आई है। सिंधिया खेमा भी झाबुआ उपचुनाव के दौरान दूर रहा। सिंधिया खेमे के किसी भी मंत्री को स्टार प्रचारक की सूची में शामिल नहीं किया गया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया को लंबे समय से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की जा रही है लेकिन सिंधिया के पास फिलहाल कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं है।
भाजपा का हमला
ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर हमला बोला है। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा है- कमलनाथ-दिग्विजय की जुगलबंदी ने सिंधिया की ये हालत कर दी है। ये सिंधिया परिवार की बेइज्जती का सबसे बड़ा समय है क्योंकि इससे पहले स्वर्गीय माधवराव जी ने तो निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की और खुद के परिवार की इज्जत रखी लेकिन यहां तो ज्योतिरादित्य सिंधिया को किनारे ही कर दिया गया है।