सामने आए ये मामले
केस-1 16 साल का लडक़ा पढ़ाई के नाम पर कमरे में खुद को बंद कर लेता था। घंटों वेब सीरीज देखता रहता था। बाहर आने पर परिवार से झगडऩा और अकेले कमरे में रहने की जिद करता था। आंखें कमजोर होने पर जीएमसी के नेत्र विभाग पहुंचा। चिकित्सकों ने उसे चश्मे का नंबर देने के साथ मनोचिकित्सक से परामर्श लेने की सलाह दी। केस-2 45 साल की घरेलू महिला सिर में तेज दर्द और घर में कम बात करने जैसे लक्षणों के चलते मनोचिकित्सक के पास पहुंची। पति ने महिला के बदले व्यवहार को देख डॉक्टर से चर्चा की। काउंसलिंग में पता चला महिला दिनभर घर अकेले रहने पर घंटों फोन में ड्रामा सीरियल देखती थी। जिससे उसमें ये समस्याएं शुरू हुईं।
इन बातों का रखें ध्यान
-वेब सीरीज देखने का समय तय करें।
-वेब सीरीज की जगह खुद का ध्यान दूसरी जगह डायवर्ट करें।
-घर वालों से बात करें, पेंडिग काम पूरा करें, बुक व न्यूज पेपर पढ़े।
-साफ शब्दों में कहें तो फोन से दूरी जरूरी है।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
डॉ. रुचि सोनी, एसोसिएट प्रोफेसर, मानसिक रोग विभाग, जीएमसी & ज्यादा समय तक वेब सीरीज देखने से मोटापा बढऩा, नींद की समस्या, साइकोमेटिक डिसऑर्डर, अवसाद, व्यवहार में बदलाव जैसी समस्याएं हो सकती हैं। एक बार में दो घंटे से ज्यादा वेब सीरीज नहीं देखनी चाहिए। बच्चों से लेकर बड़े इसके लती हो रहे हैं। हर सप्ताह ओपीडी में 4-5 ऐसे मरीज पहुंच रहे हैं।
कब जाना है मनोचिकित्सक के पास
वेब सीरीज की लत से बाहर आने में समस्या हो रही है। सब काम छोड़ कर सिर्फ मोबाइल या अन्य डिस्पले डिवाइस में ही लगे रहते हैं।