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ऑब्जर्वर भी पुराने, सर्वे टीम के सदस्य यहीं के, मिलीभगत का चल रहा सर्वेक्षण

locationभोपालPublished: Jan 14, 2019 12:47:08 am

Submitted by:

Sumeet Pandey

मिलीभगत का स्वच्छता सर्वेक्षण

Hygiene survey

ऑब्जर्वर भी पुराने, सर्वे टीम के सदस्य यहीं के, मिलीभगत का चल रहा सर्वेक्षण

भोपाल. जमीन पर भले ही सफाई न हो, लेकिन स्वच्छता रैंकिंग में राजधानी को नंबर मिल जाते हैं। पत्रिका ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि सर्वेक्षण ही मिलीभगत का है। स्थिति ये हैं कि केंद्रीय ऑब्जर्वर श्याम एस दुबे लगातार तीन साल से भोपाल आ रहे हैं। उनका भोपाल से पुराना जुड़ाव है। वे यहां से करीब वाले शहर से ही वे वास्ता रखते हैं। जाहिर है भोपाल को कागजों में नंबर देने में उदारता रहती है। इतना ही नहीं जिस निजी एजेंसी कार्वी से यहां जनता का फीडबैक और ओडी पॉइंट्स के साथ, शौचालयों, गंदगी वाले स्थलों का सर्वेक्षण कराया जाता है उसके कर्मचारी तक भोपाल के ही है। पिछले साल सिटी रैंकिंग सर्वे में कार्वी का मुख्य कर्मचारी पंकज सिंह 26 फरवरी 2018 को भोपाल में निरीक्षण करने पहुंचा था। तत्कालीन उपायुक्त राहुल सिंह राजपूत और सिंह की अच्छी दोस्ती थी, बताया गया था कि ये मिनाल में ही रहता है। ऐसे में सर्वेक्षण और इसके आधार पर जारी रैंकिंग को समझा जा सकता है।
ऐसे होता है एजेंसियों का काम

देश के 5000 से अधिक शहरों में स्वच्छता रैंकिंग का जिम्मा लेने वाली बड़ी कंपनियां स्थानीय स्तर पर ही कर्मचारी तय कर लेती है। बीते वर्ष कार्वी के कर्मचारी की नियुक्ति से इसे समझा जा सकता है। ऐसे में ये स्थानीय अधिकारियों से भलीभांति परिचित होते हैं ओर उनके हिसाब से ही पूरा निरीक्षण करते हैं। इतना नहीं इन एजेंसियों ने बीत एक साल से निगम में अपने तीन कर्मचारी नियुक्त कर रखे हैं। इनका पूरा भुगतान निगम ही करता है।
नियम ये कि सर्वेयर निगम अफसरों नहीं देंगे जानकारी, लेकिन पूरा इंतजाम निगम ही कर रहा
स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में स्पष्ट है कि सर्वेक्षण एजेंसियां अपने हिसाब से शहर में जाकर सर्वे करेगी। इसकी जानकारी नहीं देगी। इतना ही नहीं, निगम अफसरों तक को नहीं बताएंगे या फिर उनका साथ नहीं लेंगे, बावजूद इसके ऑब्जर्वर श्याम दुबे अपर आयुक्त एमपी सिंह के साथ पूरे समय भ्रमण करते रहे। निगम ने उन्हें अंडरग्राउंड डस्टबिन, पेसिफिक ब्ल्यू कॉलोनी का कचरा प्रबंधन, न्यू मार्केट का सर्वसुविधा युक्त सुलभ शौचालय से लेकर भानपुर में प्लास्टिक वेस्ट सेंटर का ही निरीक्षण कराया। जहां गंदगी या कचरा है वहां नहीं ले गए।
सर्वे एजेंसियां और निगम के अफसर कैसे काम कर रहे हैं, ये नहीं कह सकता, लेकिन इतना जरूर है कि जमीन पर सफाई नजर आना चाहिए। इसके लिए मैं अपने स्तर पर लगातार काम कर रहा हूं।
– आलोक शर्मा, महापौर

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