यह तीज सावन महीने की शुल्क पक्षमी की तीसरी तारीख को मनाई जाती है। इस तीज को मध्यप्रदेश सहित टर्टा, बिहार, झारखंड, राजस्थान में मुख्य रूप से मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार 108 वर्षो की तपस्या के बाद, माता पार्वती को भगवान शिव, पति रूप में मिले थे और वह दिन तीज का ही दिन था। इसलिए इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
वहीं इस दिन उपवास रख, महिलाएं तीन प्रण लेती हैं। पुराणों के अनुसार हरियाली तीज शिव और पार्वती की याद में मनाया जाता है। सिर्फ शादीशुदा ही नहीं, अविवाहित महिलाएं भी यह उपवास रखती हैं। क्योंकि इस व्रत को रख कर वे एक अच्छे दूल्हे की कामना ईश्चर से करती हैं।
शुभ मुहूर्त:
हरियाली तीज का आरंभ 13 अगस्त की सुबह 8 बजकर 38 मिनट पर होगा और इसका समापन 14 अगस्त की सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर होगा।
पूजा विधि :-
130 साल बाद बन रहा खास संयोग
आपको बता दें कि पूरे 130 साल बाद हरियाली तीज का खास संयोग बन रहा है। इस साल सावन के तीसरे सोमवार के दिन यह तीज पड़ रही है। इसलिए इसका महत्व बढ़ गया है। इस दिन उपवास रखने से भगवान शिव हर मनोकामना पूरी करते हैं।
इस दिन मेंहदी लगाने का है खास महत्व
पुरानी मान्यता के अनुसार इस दिन महिलाओं के लिए मेंहदी लगाना बहुत जरूरी होता है। इसके पीछे वजह यह बताई जाती है कि मेंहदी लगाने से पति की उम्र लंबी होती है।
इस दिन महिलाएं लेती है तीन प्रण
व्रत के दौरान इस दिन महिलाएं तीन प्रण लेती है। कि वे अपनी पति के साथ छल कपट नहीं करेंगी। उनसे कभी लड़ाई नहीं करेंगी और न ही झूठ बोलेंगी। तीसरा यह कि वे किसी पराए की निंदा नहीं करेंगी।