कल शाम 4.30 बजे से रहेगा सूतक
इस बार भी गुरु पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण होने के कारण शाम 4.30 बजे से ग्रहण का सूतक प्रारंभ हो जाएगा, इसलिए 4.30 बजे तक ही गुरु पूजा करना शुभ फलदायी रहेगा। पिछले साल भी गुरु पूर्णिमा पर इसी तरह की स्थिति बनी थी। इसलिए राजधानी में पहले से गुरु पूर्णिमा के आयोजन शुरू हो गए हैं।
गुरु पूर्णिमा पूजा विधि
सनातन परंपरा के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। प्रात: उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और फिर गुरु को टीका लगाकर प्रसाद खिलाएं, आशीर्वाद लें और फिर श्रद्धा और क्षमतानुसार उन्हें गुरु दक्षिणा भेट दें। गुरु का आभार व्यक्त करने के लिए वैसे ही तैयारी करें जैसे भगवान की पूजा के लिए तैयारी करते हैं।
इस अवसर पर शिष्य शहर के मंदिरों, आश्रमों में जगह-जगह गुरु पाद पूजन कर और गुरुओं के चरण पखारकर गुरुजनों का आशीर्वाद लेंगे। शहर में सुबह से ही गुरु पूर्णिमा के आयोजन शुरू हो जाएंगे। शहर के करुणाधाम आश्रम, गुफा मंदिर, दादाजीधाम, गायत्री शक्तिपीठ सहित अनेक स्थानों पर गुरु पूजा का आयोजन किया जाएगा।
मनाई गुरु पूर्णिमा
चन्द्रग्रहण के चलते एमएलए रेस्ट हाउस स्थित कात्यानी शक्ति पीठ में एक दिन पहले सोमवार को गुरु पूर्णिमा पर्व मनाया गया। महंत पुष्करानंद महाराज के शिष्यों की ओर से गुरु पूजा का आयोजन सुबह आठ बजे से होगा। इस मौके पर शिष्यों की ओर से गुरू की पाद पूजा की जाएगी। दोपहर में हवन एवं भंडारा आयोजन होगा जो शाम तक चलेगा।
भोपाल में भी दिखेगा
यह चंदग्रहण भोपाल सहित पूरे भारत में दिखाई देगा। ज्योतिषियों के अनुसार इस ग्रहण का स्पर्श मध्यरात्रि 1 बजकर 41 मिनट पर होगा, मध्य 3 बजकर 8 मिनट पर और मोक्ष 4 बजकर 24 मिनट पर होगा। इस तरह ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटा 43 मिनट होगी। ग्रहण का सूतककाल शाम 4.30 बजे के बाद से शुरू हो जाएगा।