एमएसएमई नीति में ये 4 बदलाव स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार मुहैया कराने वाली टेक्सटाइल सेक्टर की औद्योगिक कंपनियां को 2500 रूपए प्रति व्यक्ति के हिसाब से हर महीने अनुदान दिया जाएगा। यह पांच साल तक रहेगा। अभी इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है। निजी जमीन पर औद्योगिक ईकाई तथा मल्टीस्टोरी पर बिल्डिंग निर्माण के तहत अधोसंरचना विकास का अनुदान दिया जाता है। अभी 20 प्रतिशत या अधिकतम दो करोड़ दिया जाता है। इसे बढ़ाकर 30 प्रतिशत किया जाएगा। गारमेंट और पावरलूम ईकाईयों को 40 प्रतिशत अनुदान देने की तैयारी है। यह अधिकतम दो करोड़ रहेंगे।
एमएसएमई के तहत प्लांट और मशीनरी पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। अब इस अनुदान की श्रेणी में बिल्डिंग निर्माण को भी शामिल किया जाएगा। इसमें भी 40 प्रतिशत अनुदान होगा।
एमएसएमई के तहत प्लांट और मशीनरी पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। अब इस अनुदान की श्रेणी में बिल्डिंग निर्माण को भी शामिल किया जाएगा। इसमें भी 40 प्रतिशत अनुदान होगा।
पावरलूम ईकाईयों को अभी अधिकतम आठ पावरलूम होने तक अनुदान दिया जाता है। यह अब दस पावरलूम तक होगा। इसमें प्लेन-सेमी ऑटोमेटिक शटल पॉवरलूम को आधुनिक शटललेस लूम में उन्नयन करने के लिए किए व्यय में से भारत सरकार से प्राप्त वित्तीय सहायता के समायोजन के बाद की राशि का सौ प्रतिशत तक रहेगा।
ऊर्जा मंत्री बोले- कम बिजली जलाई तो बिल भी 100 रुपए से कम
ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने गुरुवार को कहा कि घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत अब 100 यूनिट तक की खपत पर 100 रुपए का बिल मिलेगा। यदि सौ रुपए से कम बिल आता है तो उतना ही भरना होगा। यह योजना 25 फरवरी के बाद आने वाले बिल से लागू होगी। ग्रामीण क्षेत्र में 500 वॉट तक के संयोजित भार वाले अनमीटर्ड उपभोक्ताओं के लिए आयोग द्वारा टैरिफ आदेश में निर्धारित दर से बिलिंग की जाएगी। शहरी क्षेत्रों में मीटर के आधार पर ही बिलिंग होगी।
ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने गुरुवार को कहा कि घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत अब 100 यूनिट तक की खपत पर 100 रुपए का बिल मिलेगा। यदि सौ रुपए से कम बिल आता है तो उतना ही भरना होगा। यह योजना 25 फरवरी के बाद आने वाले बिल से लागू होगी। ग्रामीण क्षेत्र में 500 वॉट तक के संयोजित भार वाले अनमीटर्ड उपभोक्ताओं के लिए आयोग द्वारा टैरिफ आदेश में निर्धारित दर से बिलिंग की जाएगी। शहरी क्षेत्रों में मीटर के आधार पर ही बिलिंग होगी।