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‘बाहुबली’ का जलवा अब भी बरकरार,राजमौली बोले- लोगों के बीच ‘बाहुबली’ का जुनून खत्म नहीं होना चाहिए

locationभोपालPublished: May 19, 2017 11:38:00 am

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राजामौली ने यह भी कहा कि वह ‘बाहुबली’ की कल्पना को यहीं समाप्त नहीं करना चाहते और नहीं चाहते कि लोगों के बीच इसका जुनून कभी खत्म हो। ‘बाहुबली’ की संकल्पना फिल्म के साथ खत्म नहीं हो जाती, बल्कि कॉमिक्स, कार्टून सीरीज और उपन्यासों के माध्यम से भी यह लगातार अपने चाहने वालों को बांधे रह सकती है।

भारतीय फिल्म जगत में अपनी हालिया फिल्म ‘बाहुबली : द कनक्लूजन’ से उथल-पुथल मचाने वाले निर्देशक एस.एस. राजामौली का मानना है कि ‘बाहुबली’ की छवि फिल्म के स्तर से काफी आगे बढ़ चुकी है और इसमें अपार संभावनाएं हैं। राजामौली ने यह भी कहा कि वह ‘बाहुबली’ की कल्पना को यहीं समाप्त नहीं करना चाहते और नहीं चाहते कि लोगों के बीच इसका जुनून कभी खत्म हो।
बाहुबली सीरीज की पहली फिल्म के पूरे एक साल बाद दूसरी फिल्म बीते महीने रिलीज हुई और 1000 करोड़ रुपये से अधिक कमाई करने वाली भारत की पहली फिल्म बन गई। लेकिन ‘बाहुबली’ की संकल्पना फिल्म के साथ खत्म नहीं हो जाती, बल्कि कॉमिक्स, कार्टून सीरीज और उपन्यासों के माध्यम से भी यह लगातार अपने चाहने वालों को बांधे रह सकती है।
राजामौली ने एक बयान में कहा, ”हमने इन सब चीजों को लेकर ‘बाहुबली’ की एक दुनिया का निर्माण किया, जिसके जरिए लोग इसके एक-एक किरदार को अच्छी तरह जान सकें। फिल्म में किरदारों के जीवन का एक छोटा सा हिस्सा ही दर्शाया गया है, लेकिन उपन्यास, कॉमिक्स और कार्टून सीरीज के जरिए ‘बाहुबली’ की दुनिया को विस्तार देने की अपार संभावनाएं हैं। इस कहानी में, कहानी के पीछे की कहानियों में, इसके किरदारों के बारे में जानने के लिए अनंत बाते हैं।” ‘बाहुबली’ सीरीज में कई कहानियां ऐसी थीं, जो फिल्मों में दशाई नहीं गईं। इसी कारण राजामौली और उनकी टीम ने अन्य माध्यमों से इन कहानियों को विस्तार से बताने का फैसला किया।
राजामौली ने कहा, ”इस फिल्म में हर किरदार की उत्पत्ति के पीछे कई कहानियां हैं। कुछ ऐसे अच्छे दृश्य हैं, जिन्हें बताया जाना जरूरी है। दुर्भाग्य से फिल्म एक ऐसा माध्यम है, जिसकी कुछ सीमाएं हैं और इसमें सभी कहानियां नहीं दर्शाई जा सकतीं। हम जानते हैं कि ‘बाहुबली’ के उपन्यास उस कमी को पूरा करेंगे।” उल्लेखनीय है कि ‘बाहुबली’ में राजमाता शिवगामी का किरदार भी बेहद मजबूत था। इस किरदार की उत्पत्ति की कहानी उपन्यास ‘द राइज ऑफ शिवगामी’ में बताई गई है। आनंद नीलकंठ द्वारा लिखित यह उपन्यास तीन भागों में है।
‘बाहुबली’ के कार्टून सीरीज में का नाम ‘बाहुबली : द लॉस्ट लेजेंड’ है। राजामौली का कहना है कि वह इस माध्यम के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। राजामौली ने कहा, ”मैं डिज्नी फिल्मों का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। मैं खुश हूं कि ‘बाहुबली’ को कार्टून सीरीज के जरिए दर्शाया जा रहा है।” ‘बाहुबली : द लॉस्ट लेजेंड’ की दूसरी कड़ी शुक्रवार को ‘अमेजॉन प्राइम’ में लांच की जाएगी। एनिमेशन फिल्म के निर्देशन के बारे में राजामौली ने कहा कि ‘बाहुबली’ को दर्शकों तक पहुंचाने में उन्हें पांच साल का समय लगा। एनिमेशन फिल्म काफी समय लेती है और उन्हें नहीं लगता कि वह इस परियोजना पर फिर से इतना समय दे सकते है। 
‘बाहुबली : द कनक्लूजन’ की सफलता को लेकर राजामौली अब भी हैरत में हैं। उन्होंने कहा, ”सच कहूं, तो हम इस प्रकार की सफलता की उम्मीद कर रहे थे। हमने इसके लिए लंबा इंतजार और प्रयास किया। अब जब यह हमें मिली है, तो इस पर यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है। मैं अब भी इस भावना को शब्दों में बयां नहीं कर पा रहा हूं। इस सफलता पर भरोसा कर पाना मुश्किल है।” इस प्रकार की सफलता से अगली बड़ी फिल्म के निर्माण के लिए प्रेरित होने के बारे में राजामौली ने कहा, ”काफी समय से मेरी इच्छा ऐतिहासिक गाथा महाभारत पर फिल्म के निर्माण की है। आप इसके स्तर का अंदाजा लगा सकते हैं और यह हर किसी की सोच से परे होगी। हालांकि, मुझे नहीं पता कि मेरी यह इच्छा कब पूरी होगी।”

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