इसके तहत गायत्री शक्तिपीठ की ओर से शहर में अनेक स्थानों पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। जिसमें विशेषज्ञों द्वारा सुपारी, नारीयल, ड्रायफूड, अकरोट आदि से गणेश प्रतिमाएं बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। गायत्री शक्ति के रमेश नागर ने बताया कि इससे प्रतिमाएं बनाना काफी आसान है और कुछ समय में सीखा जा सकता है। इन प्रतिमाओं को हम सजाकर घर में भी रख सकते हैं। इसके अलावा मिट्टी की प्रतिमाएं भी बना सकते हैं, जिसमें रासायनिक रंगों के बजाए प्राकृतिक रंग जैसे गेरू, हल्दी आदि का इस्तेमाल कर प्रतिमा बना सकते हैं। इसे लेकर जगह-जगह हम प्रशिक्षण आयोजित कर लोगों को सिखा रहे हैं। रविवार को गायत्री चेतना केंद्र कोलार साईनाथ कॉलोनी में सुबह 11 से 1 बजे तक और एमपी नगर स्थित गायत्री शक्तिपीठ में शाम 3 से 5 बजे तक विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया जाएगा।
शहर में कृष्ण भक्ति की बह रही बयार भोपाल. इन दिनों शहर भगवान श्रीकृष्ण की आराधना में लीन है। एक ओर शहर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां जोर शोर से चल रही है, और इसके लिए आयोजन का सिलसिला शुरू हो गया है, तो दूसरी ओर शहर में अनेक स्थानों पर भागवत कथाओं का आयोजन चल रहा है। विभिन्न प्रसंगों पर आधारित आकर्षक झांकियां सजाई जा रही है।
जल बचाने, वृक्ष लगाने का संकल्प
पिपलेश्वर महादेव मंदिर पुल पुख्ता में चल रही भागवत कथा में शनिवार को आचार्य वेंकटेश महाराज ने श्रद्धालुओं जल बचाने, वृृक्ष लगाने, बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने का संकल्प दिलाया। इस मौके पर महाराजश्री ने कहा कि आज का व्यक्ति खुद को श्रेष्ट बताने के लिए हर संभव कार्य कर रहा है। लेकिन यह भूल रहा है कि भाग्य से ज्यादा वह नहीं पा सकता। किसी को धोखा देकर, उसका हक छिनकर वह सुखी नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि कथा सुनना और बात है और कथा को अपने जीवन में उतारना और बाते हैं। अगर आपने जीवन में भागवत की कुछ बाते मान ली तो समझो आपकी कथा श्रवण सफल हो गई।
पिपलेश्वर महादेव मंदिर पुल पुख्ता में चल रही भागवत कथा में शनिवार को आचार्य वेंकटेश महाराज ने श्रद्धालुओं जल बचाने, वृृक्ष लगाने, बेटी बचाने और बेटी पढ़ाने का संकल्प दिलाया। इस मौके पर महाराजश्री ने कहा कि आज का व्यक्ति खुद को श्रेष्ट बताने के लिए हर संभव कार्य कर रहा है। लेकिन यह भूल रहा है कि भाग्य से ज्यादा वह नहीं पा सकता। किसी को धोखा देकर, उसका हक छिनकर वह सुखी नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि कथा सुनना और बात है और कथा को अपने जीवन में उतारना और बाते हैं। अगर आपने जीवन में भागवत की कुछ बाते मान ली तो समझो आपकी कथा श्रवण सफल हो गई।
भक्ति से हो सकती है प्रभु की प्राप्ति
शिव मंदिर यादव समाज बैंक कॉलोनी में चल रही भागवत कथा में शनिवार को कथावाचक शिवम कृष्ण शास्त्री महाराज ने भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान उन्होंने नवधा भक्ति के बारे में विस्तार से समझाया। महाराजश्री ने कहा कि कलयुग में भगवान की प्राप्ति भक्ति से ही हो सकती है। भागवत कथा हमे भक्ति मार्ग के जरिए सीधे प्रभु से जोड़ती है। आयोजन समिति के महेंद्र यादव लाला ने बताया कि रविवार को कथा में वामन जन्म प्रसंग होगा।
शिव मंदिर यादव समाज बैंक कॉलोनी में चल रही भागवत कथा में शनिवार को कथावाचक शिवम कृष्ण शास्त्री महाराज ने भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान उन्होंने नवधा भक्ति के बारे में विस्तार से समझाया। महाराजश्री ने कहा कि कलयुग में भगवान की प्राप्ति भक्ति से ही हो सकती है। भागवत कथा हमे भक्ति मार्ग के जरिए सीधे प्रभु से जोड़ती है। आयोजन समिति के महेंद्र यादव लाला ने बताया कि रविवार को कथा में वामन जन्म प्रसंग होगा।
मानस भवन में परशुराम कथा मानस भवन में चल रही परशुराम कथा के चौथे दिन पं. रमेश शर्मा ने भृगु आश्रम की स्थापना और सहस्त्रबाहु द्वारा मुक्ति की याचना के प्रसंगों का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि भगवान परशुराम ने पिता के आदेश पर भृगु क्षेत्र में आश्रम की स्थापना की थी। उधर सहस्त्रबाहु भगवान नारायण से अपनी मुक्ति की याचना करता है। उसे मुक्ति मिलती भी है लेकिन इससे आश्रम को क्षति पहुंचती है। कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।